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44वें शतरंज ओलम्पियाड के मशाल रिले का किया गया स्वागत

-नगर विकास मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने की आगवानी


अयोध्या। उ0प्र0 सरकार के नगर विकास एवं उर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा अयोध्या में वाराणसी से आयी शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले की आगवानी की गयी। शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले का उ0प्र0 के विधान भवन में 26 जून 2022 को मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ व विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनन्द की उपस्थित में किया गया तथा लखनऊ से यह मशाल रिले 27 जून को वाराणसी, जौनपुर, सुल्तानपुर आदि जनपदो के मार्गो से होते हुए अयोध्या के सर्किट हाउस में विश्राम किया

मंगलवार को प्रातः 07 बजे नगर विकास एवं उर्जा मंत्री श्री शर्मा एवं सांसद लल्लू सिंह, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, मण्डलायुक्त नवदीप रिणवा, पुलिस उप महानिरीक्षक ए0पी0 सिंह, जिलाधिकारी नितिश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र पाण्डेय, नगर आयुक्त विशाल सिंह, मुख्य विकास अधिकरी अनिता यादव तथा संस्था के शतरंज संघ के अध्यक्ष संजय कपूर एवं सचिव भरत सिंह चौहान आदि की उपस्थिति में मशाल रिले का सर्किट हाउस से जनपद भ्रमण करते हुए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विवेकानन्द प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह स्थल में पहुॅची जहॉ शतरंज के प्रेमियो व खिलाड़ियो के मध्य मशाल रिले का भव्य स्वागत किया गया।

नगर विकास एवं उर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने विगत दिनांक 19 जून 2022 को इस मशाल रिले का उद्घाटन नई दिल्ली से किया गया। शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले को भारत की आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के तहत मनाया जा रहा है, इसलिए यह मशाल रिले 40 दिनां में देश के 75 शहरो व प्रदेश के 09 शहरो से होकर गुजरेगी और 28 जुलाइ से 10 अगस्त 2022 तक तमिलनाडु में चेन्नई के पास महाबली पुरम में होने जा रहे 44वे शतरंज ओलम्पियाड में शामिल होगी।

उन्होंने कहा कि शतरंज ओलम्पियाड में 188 देशो के लगभग 2000 खिलाड़ी भाग ले रहे है यह हमारे लिए गौरव का क्षण है। उल्लेखिनीय है कि महाबली पुरम पल्लव राजवंश की राजधानी रही है जो मूर्तिकलाओ एवं मंदिरो का केन्द्र रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक ओलोम्पिक की शुरूआत सन् 1927 में हुई थी जिसमें भारत आजादी की 75वे वर्ष में पहली बार भारत के मेजवानी करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शतरंज/चतुरंग यह खेल भारत के प्राचीनतम् खेल है इस खेल का उल्लेख महाशिव पुराण में मिलता है जिसमें परम पिता परमेश्वर महादेव एवं माता पार्वती के मध्य खेलने का उल्लेख मिलता है। इस खेल का उल्लेख महाभारत एवं भारत के राजा महाराजाओ के मध्य खेले जाने का उल्लेख मिलता है जिसके अलग-अलग नाम से जाना जाता है इसमें और अध्ययन की आवश्यकता है। मशाल रिले हमारे देश के 75 शहरो में जहॉ जहॉ जायेगी। वहॉ-वहॉ शतरंज के प्रति प्रेम बढ़ा है।

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