-अयोध्या में प्रशासनिक बंदिशों के चलते समय पर नहीं हो सका इलाज
अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की आ रही भारी भीड़ के कारण प्रशासन की तरफ से अयोध्या नगरी में लगाई गई तमाम बंदिशों के कारण कामता प्रसाद सुंदरलाल साकेत महाविद्यालय के रक्षा एवं स्त्रातेजिक अध्ययन विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यायपक और साकेत महाविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बी.डी. द्विवेदी का शुक्रवार को तुरंत इलाज ना हो पाने के कारण सुबह आकस्मिक निधन हो गया।
वह अभी कुछ माह पूर्व ही महाविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे। शुक्रवार की सुबह उनकी तबियत खराब होने के कारण उन्हें इलाज हेतु चिकित्सालय ले जाने का हर संभव प्रयास किया गया लेकिन प्रशासनिक बंदिशों के कारण उनके अस्पताल पहुँचने में विलंब हुआ, एंबुलेंस नहीं आ सकी किसी तरह से उन्हें परिवार के लोगों ने अस्पताल ले जाने का प्रयास किया लेकिन रास्ते में ही उनकी साँसे रुक गई। इस दुःखद खबर से सभी अयोध्यावासी काफी दुखी हैं।
प्रोफेसर द्विवेदी भारतीय जनता पार्टी के जिम्मेदार नेता रह चुके हैं और उनका पूरा परिवार भाजपा का कट्टर समर्थक है। अयोध्यावासियों का कहना है कि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को रामपथ के दोनों तरफ चौराहे -चौराहे पर चिकित्सा शिविर लगवा देने चाहिए जिससे लोग बीमार होने पर अपना प्राथमिक उपचार तो करा सकें।
सवा घंटे बाद खुला बैरियर, अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में हो गयी मौत
कामता प्रसाद सुन्दरलाल साकेत महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. बीडी द्विवेदी का शुक्रवार को पूर्वाह्न निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे। पुण्य सलिला सरयू के श्मशानघाट पर पुत्र अंबरीषधर ने उन्हें मुखाग्नि दी। उन्हें अंतिम प्रणाम करने वालों में महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, पूर्व महापौर रिषिकेश उपाध्याय, साकेत महाविद्यालय डा. बीडी के प्राचार्य प्रो. दानपति तिवारी,डा. राकेशमणि त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में भाजपा नेता एवं साकेत महाविद्यालय परिवार के लोग रहे।
भाजपा नेता रत्नेश मिश्र रज्जू ने बताया कि डा. द्विवेदी को सुबह सीने में दर्द एवं बेचैनी की समस्या पर वह स्वयं तथा उनकी पत्नी, पुत्र एवं वाहन चालक स्थानीय श्रीराम चिकित्सालय ले जाने लगे, किंतु उनका वाहन देवकाली बैरियर पर रोक लिया गया। बैरियर खोलवाने के लिए पीड़ित परिवार के लोग मौके पर तैनात दारोगा एवं पुलिसकर्मियों से विनती करते रहे, उन्होंने मौके से ही कोतवाल एवं एसएसपी को भी फोन किया, किंतु उधर से फोन रिसीव नहीं हुआ।
आखिरकार सवा घंटे बाद बैरियर खुला, किंतु डा. द्विवेदी का वाहन जगह-जगह बैरियर के चलते चिकित्सालय के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सका। भीड़-भाड़ से ही युक्त एक अन्य मार्ग से तीन किमी. के बाद उन्हें उदया चौराहा से श्रीराम चिकित्सालय ले जाने की अंतिम कोशिश हुई, किंतु यहां भी बैरियर ने राह रोक ली। हार मान कर परिवारीजन उन्हें जिला चिकित्सालय की ओर लेकर बढ़े, तब तक दो घंटे का समय बीत चुका था और द्विवेदी ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।