शहीद शोध संस्थान ने निकाली मुखबिरी व गद्दारी करने वालों की शवयात्रा
अयोध्या। अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान ने स्वतंत्रता दिवस पर क्रांतिकारी आंदोलन के खिलाफ मुखबिरी एवं गद्दारी करने वालों की शवयात्रा निकाल कर चैक में उसका दहन किया। यह आयोजन दशहरा में रावण तथा होली में होलिका दहन से प्रेरित हैं। संस्थान के लोगों ने गुलाबबाडी उद्यान गेट से मुखबिरों और गद्दारों की अर्थी उठाई जिसे कई स्थानों पर रखकर लोगों को आयोजन के संबंध में जानकारी दिया गया। जुलूस रीड़गंज, जमुनिया बाग होतें हुए चैक घण्टा घर पहुंचकर सभा में बदल गया। जुलूस में शामिल लोग ष्मुखबिर है गद्दार है, शहीदों का गुनहगार हैष् का नारा लगा रहे थे। सभा को संबोधित करते हुए संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने मांग किया कि सरकार काकोरी एक्शन, बम एक्शन के मुकदमों के मुखबिरों और गवाहों की सूची जारी करें। उन्होंने कहा कि मुखबिरी और गद्दरी से प्राप्त संम्पति को जप्त करके शहीदों के परिवारों में बांटी जाय। उन्होंने देश में एसे परिवारों को चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाय।
जुलूस एवं सभा में अशोक तिवारी, सत्य भान सिंह, सलाम जाफरी, जसवीर सिंह सेठी, कप्तान सिंह, जमशेद अहमद,अब्दुल रहमान भोलू, विकास सोनकर, देवेश ध्यानी, विनीत कनौजिया, इमरान हाशमी, शानू खान, मुशीर खां राजू, दीपक कुमार, चंदन सिंह यादव, उजैघ्र खान, सुल्तान खान, नफीस मिर्जा, शादाब अहमद, सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए।