अयोध्या। “हे भगवान पहले सबका भला फिर सबके पीछे मेरा भी भला करो ” नित्य संध्या में यही प्रार्थना करने वाले पण्डित दीनदयाल तिवारी की पुण्यतिथि पर गांव लेदई तिवारी पहुँचकर होम्योपैथी चिकित्सक डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने सबसे पहले मनरेगा मजदूरों का हाल चाल लिया फिर उन्हें कोरोना से बचाव की जानकारियों से अवगत कराते हुए नीम की पत्ती उबाल कर गुनगुने पानी से हाथ धोने व सैनेटीजेशन के आसन देसी तरीके को अपनाने की सलाह दी। एक मजदूर द्वारा साहब धूप में रहते है क्या हमे भी कोरोना हो सकता है,पूछने पर डा उपेन्द्रमणि ने बताया यदि ऐसा होता तो गर्म देशों और अपने देश मे भी गर्मी के बाद कोरोना चला गया होता, इसलिए सावधानी और सतर्कता सदैव सभी के लिए आवश्यक है। एक अन्य मजदूर राम तीर्थ ने पूछा मोबाइल में आता है कोरोना की दवा होम्योपैथी में आ गयी है, इस पर डा त्रिपाठी ने समझाया कोरोना की कोई दवा किसी पैथी में नहीं आयी है, किन्तु हम लोग अपनी शरीर की रोग से लड़ने की ताकत बनाये रख कर बच तो सकते है , और होम्योपैथी की दवाएं मरीज का इलाज करती हैं रोग का नहीं, इसलिए दवा का सेवन चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।आर्सेनिक एल्बम इस समय की महामारी के सामान्य लक्षणों की समानता वाली दवा है इसलिए बचाव व उपचार दोनों में उपयोगी है, सीसीआरएच के सुझाव पर इसलिए आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने इसकी एक खुराक बड़े चार गोली, बच्चे दो गोली तीन दिन सुबह महीने में एक बार लेने की सलाह दी हैं।जानकारी देने के बाद डा त्रिपाठी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए सभी को होम्योपैथी की आर्सेनिकम एलबम दवा उपलब्ध कराई, जिसकी गांव वालों ने भूरि भूरि सराहना की और इसे जन्मभूमि से जुड़े रहने के स्वर्गीय पण्डित दीनदयाल तिवारी का ही आदर्श बताते हुए उन्हें याद किया। इस अवसर पर मनोकनिका तिवारी, बृजेन्द्र तिवारी, राकेश, राम तीर्थ, भभूती प्रसाद, ग्राम प्रधान उमेश तिवारी आदि उपस्थित रहे।
पण्डित दीनदयाल की पुण्यतिथि पर मजदूरों में बांटी होम्योपैथी की इम्युनिटी
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