-गुरुकुल विद्यापीठ वेद पाठशाला में अयोजित हुआ अभिभावक सम्मेलन
अयोध्या। भारतीय इतिहास में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली शिक्षा में की गुणवत्ता में प्रसार का एक जीवंत महत्व है, वर्तमान में छात्रों के लिए सीखने के माहौल की प्रगति को सुविधाजनक बनाने के लिए सदियों पुरानी अवधारणाओं को आधुनिक संस्कृति के साथ मिला दिया गया है, परंपरागत रूप से गुरुकुलों ने हमेशा व्यवहारिक ज्ञान के महत्व पर बल दिया है गुरुकुल शिक्षा प्रणाली आज मानती है कि किताबी ज्ञान रखना आज समय के उपकरण है जो मानव अस्तित्व के सही मूल्य को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त नहीं है गुरुकुल आधुनिक सुविधाओं और प्रौद्योगिकी के साथ व्यवहारिक प्रयोगशालाओं सहित आधुनिक बुनियादी ढांचे के तहत व्यवहारिक ज्ञान प्रदान कर रहा हैं, पाठ्यक्रम को छात्र जीवन के सभी क्षेत्र में उत्कृष्ट प्राप्त करने के लिए तैयार किया जा रहा है शिक्षाविदों और पाठ्येतर गतिविधियों का एक सही मिश्रण शैक्षिक यात्रा को उल्लेखनीय बनता है,
उक्त विचार श्री गुरू वसिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ वेद पाठशाला दर्शन नगर में अयोजित अभिभावक सम्मेलन में शामिल गुरुकुल के छात्रों के अभिभावकों वा गुरुकुल से जुड़े नागरिकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अयोध्या विभाग के विभाग प्रचारक कृष्ण चंद्र ने व्यक्त किया गुरुकुल के नवनिर्मित महर्षि वशिष्ठ सभागार में उपस्थित अभिभावकों वी मातृशक्ति को संबोधित करते हुए श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के निदेशक डॉ दिलीप सिंह ने गुरुकुल यह वातावरण के महत्व को बताते हुए कहा गुरुकुल शहर के जीवन की हलचल से दूर पूर्ण शांति से घिरे सुरम में स्थान पर स्थित है यहां पर कोमल दिमाग को संतुलित विश्लेषणात्मक दृष्टि रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जो एक ऐसा माहौल सुनिश्चित करता है जहां शिक्षण उद्देश्य पूर्ण हो और पुरस्कृत भी हो स्थान एक केंद्रीय भूमिका का निर्माण करता है प्रकृति के बीच विराजमान होने के कारण किसी भी सांसारिक विकर्षण से रहित एक ऐसा वातावरण प्रदान करता है जो सीखने के लिए सबसे अनुकूल है,
शांत वातावरण शिक्षा और समग्र विकास के लिए आवश्यक होते हैं, कार्यक्रम के संयोजक आचार्य शिव बहादुर शास्त्री ने बताया अभिभावक सम्मेलन तीन सत्रों में सम्पन्न हुआ जिसमें अभिभावकों के सुझाव लिए गये, कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का परिचय स्वागत प्रधानाचार्य नीरज कुमार ओझा ने कराया गुरुकुल के बटुक चंद्रशेखर ब्रम्हचारी और उनके साथियों का गुरुकुल गीत भारतीय शिक्षा से हो भारत मां का पुनरुत्थान उपस्थित लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा,सरस्वती वंदना आदित्य ब्रह्मचारी,शिवांश, सौरभ, ने प्रस्तुत किया कार्यक्रम में गुरुकुल के कोषाध्यक्ष प्रो आर के सिंह ने अभिभावकों के प्रति आभार प्रदर्शित करते हुए कहा कि आपने अपने 8 साल के बालक को 7 वर्ष के लिए गुरुकुल को सौंपा हैं बालक का सर्वांगीण विकास गुरुकुल का लक्ष्य है हम सभी उसके लिए कटिबद्ध है कार्यक्रम का समापन उत्कर्ष ब्रम्हचारी, सौरभ, अनुज, सुधांशु द्वारा प्रस्तुत वंदे मातरम से हुआ।