– धारा 34 के मुकदमे में एक पक्ष से सौदा कर बयान बदलने के आरोपी लिपक के निलंबन और कार्रवाई के लिये तहसीलदार ने जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट
सोहावल। तहसील सोहावल की न्यायालय में निजी और सरकारी कर्मियों की मिली भगत से बह रही भ्रष्टाचार की गंगा में डुबकी लगाते हुए तहसील के प्रति लिपिक ने तहसीलदार न्यायालय की एक फाइल से सात पेज का बयान हजारों रुपये का सौदा कर एक पक्ष के कहने पर बदल दिया। बयान के दूसरे पन्ने स्वतः लिख कर पूर्व तहसीलदार का हस्ताक्षर कर जोड़ा और न्याय प्रक्रिया को क्षति पहुंचाई। मामले को पकड़ते हुए न्यायालय के पेशकार ने खुलासा किया तो तहसील में हड़कंप मच गया। मिली भगत के लिपिक व आरोपी युवक पर कार्यवाही की संस्तुति की गयी है।
आरोप है कि तहसीलदार न्यायालय की धारा 34 के मुकदमे की मुसर्रफ बनाम तोहा निवासी चिर्रा जगनपुर मामले में वर्षो पहले एक पक्ष से कराए गए बयान के सात पेज प्रति लिपिक नंन्हे सिंह ने फाइल से फाड़ कर निकाल दिए स्वतः बयान बदल कर न सिर्फ पेज बदले बल्कि तत्कालीन तहसीलदार मनोज कुमार सिंह के हस्ताक्षर बनाकर फाइल जमा करा दी। नकल बनाने के लिए दी गयी फाइल के न्यायालय पेशकार अंजनी कुमार ने मामला पकड़ा तो तहसील कर्मियों में हड़कंप मच गया।
तहसील प्रशासन ने सौदेबाजी से गड़बड़ी कराने के आरोपी जगनपुर निवासी मोहतसिम पुत्र हारून को पकड़ कर असली बयान बरामदगी कराना शुरू कर दिया है।लिपिक के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही के लिए जिला अधिकारी को संस्तुति पत्र भेजा है। पूँछे जाने पर तहसीलदार प्रमेश कुमार ने बताया कि धारा 34 के एक मामले की फाइल से कुछ पेज बदलने का मामला सामने आया है। आरोपी युवक के विरुद्ध जालसाजी की धाराओं में मामला दर्ज होगा। लिपिक के निलंबन व कार्यवाही के लिए जिलाधिकारी को संस्तुति पत्र भेजा जा रहा है।