परिजनों ने बाराबंकी जिले के थाना राम सनेही घाट में दर्ज कराई थी गुमशुदगी
रूदौली। रूदौली कोतवाली क्षेत्र से पुलिस ने गत दिनों पड़ोसी जिले से अपह्रत किये गए युवक का शव गन्ने के खेत से बरामद किया अपहृत किए गए व्यक्ति के परिजनों ने बाराबंकी जिले के थाना राम सनेही घाट में गुम शुदगी दर्ज कराई थी। जिसकी जांच में पुलिस जुटी हुई थी।
जानकारी के अनुसार ग्राम शाहपुर मजरे मुरार पुर कोतवाली रामसनेहीघाट जिला बाराबंकी से अपहृत युवक सीताराम का शव रूदौली कोतवाली की शुजागंज चैकी क्षेत्र के ग्राम नकछेदपुर मजरे रहीमगंज गांव के पास से एक गन्ने के खेत से बरामद हुआ है।सीताराम पांच सितंबर से लापता था जिसकी परिजनों ने लिखित शिकायत उसी दिन बाराबंकी जिले की राम सनेहीघाट कोतवाली में दे दी थी वहीं स्थानीय पुलिस ने तहरीर के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कर लिया था जबकि परिजन तभी से अपहरण की आशंका जता रहे थे।पीड़ित परिजनों द्दारा उच्चाधिकारियों से की गई शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा पंजीकृत किया और एक टीम गठित कर अपहृत युवक की तलाश कर रही थी।रविवार शाम सात बजे थाना राम सनेही घाट पुलिस टीम ने सीओ सर्किल रूदौली के पटरंगा थाना क्षेत्र के ग्राम खंडपिपरा निवासी राजित राम पुत्र प्यारेलाल 40 वर्ष को गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ की तब उसने हत्या करने व शव को छुपाने की बात कुबूली पुलिस ने हत्या रोपी की निशानदेही पर रुदौली कोतवाली अन्तर्गत शुजागंज चैकी क्षेत्र के ग्राम नकछेदपुर मजरे रहीमगंज गांव के पास से एक गन्ने के खेत से सीताराम का शव बरामद कर लिया गया।कई दिन पुराना होने से शव की पहचान करना मुश्किल हो रहा था वहीं मौके पर पहुंची मृतक की बहन विमला देवी ने शव की पहचान अपने भाई सीताराम के रूप में की जबकि हत्यारोपी का एक साथी फरार बताया जा रहा है।रूदौली कोतवाली प्रभारी विश्वनाथ यादव ने बताया कि दोनों साथ में मजदूरी करते थे।घटना की रात भी दोनों ने शराब पी रखी थी।विवाद होने पर राजित राम ने सीताराम की हत्या कर शव को छिपा दिया था।युवक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है ।जबकि शिकायती पत्र में मृतक युवक की पत्नी गुड़िया व माता शुरू से ही अपहरण की बात कर रही थी और फोन भी आने की बात बता रही थी लेकिन पुलिस द्दारा परिजनों की बातों को लगातार अनसुना किया जाता रहा।मृतक के परिजनों का आरोप है कि यदि पुलिस सवेदनहीन न बनी होती और अगर पुलिस ने समय रहते तलाश व कोई कार्यवाही की होती तो शायद आज यह दिन न देखने को मिलता।