-कोर्ट ने दिया कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश, कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं किया मकान कुर्क
अयोध्या। कोर्ट के आदेश के बाद भी भरण पोषण की धनराशि अदा करने के लिए तहसीलदार सदर विनोद कुमार चौधरी ने मकान कुर्क नहीं किया ।इसे गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने इस आशय की नोटिस जारी किया है की तहसीलदार सदर द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन किन परिस्थितियों में नहीं किया गया। यह आदेश अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय अल्पना सक्सेना की अदालत से हुआ है ।मामले में अगली पेशी 3 दिसंबर नियत की गई है। अधिवक्ता संतोष कुमार शुक्ला ने बताया कि रामावती निवासी मिर्जापुर माफी थाना कोतवाली अयोध्या की शादी गद्दोपुर सूबेदार पुरवा निवासी जग प्रसाद के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उन्होंने रामावती को प्रताड़ित करना शुरू किया ।इससे तंग होकर अपने मायके में रहने लगी और पति के खिलाफ भरण पोषण का मुकदमा दायर किया ।
मुकदमे में सुनवाई के बाद कोर्ट ने 7 अगस्त 2015 को रामवती के पक्ष में आदेश पारित करते हुए 1500 रुपए प्रतिमाह भरण पोषण देने का आदेश दिया। इस आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। भरण पोषण से बचने के लिए विपक्षी ने अपने पिता के नाम की 11 बिस्वा जमीन को भी बेच दिया। यही नहीं दौरान मुकदमा विपक्षी ने अपना मकान भी 26 दिसंबर 2018 को बेच दिया। इस मकान को वाद के विचाराधीन रहते हुए मंजुला चौधरी को बेचा गया।
रामावती की अर्जी पर इसी मकान को कुर्क करके भरण पोषण देने का आदेश हुआ था। 19 जुलाई 2024 को अदालत ने वसूली अधिपत्र जिलाधिकारी को प्रेषित करने का आदेश दिया था। साथ ही विपक्षी को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया था। लेकिन इस आदेश का अनुपालन नहीं कराया गया। इस पर रामावती ने नायब तहसीलदार नगर इंद्र भूषण यादव, तहसीलदार सदर विनोद कुमार , कार्यवाहक डीजीसी फौजदारी सुभाष चंद्र त्रिपाठी को न्यायालय के आदेश का उल्लंघन एवं अवमानना करने तथा न्याय प्रशासन में बाधा डालने के लिए दंडित कर अवमानना कार्यवाही किए जाने की याचना की। जिस पर कोर्ट ने तहसीलदार सदर को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण देने का आदेश किया है कि उनके द्वारा न्यायालय के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया।