राष्ट्रीय पोषण माह पर हुई कार्यशाला
फैजाबाद। सितम्बर माह को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह घोषित किया गया है जिसका प्रमुख कारण तेजी से बढ़ती रक्ताल्पता या एनीमिया है। राष्ट्रीय आंकङों के अनुसार भारत की कुल आबादी का 57 फीसदी लोग मध्यम या गंभीर एनीमिया से ग्रसित है।चैकाने वाली बात यह है कि फैजाबाद जनपद में किशोर व किशोरियों में एनीमिया का प्रतिशत 63 है,जिससे इनमें शारीरिक व मानसिक विकास में न केवल अवरोध पैदा हो रहा है बल्कि देश के होने वाले इन भविष्य के कर्णधारों का ही भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। इस गम्भीर किशोर मनोशारीरिक समस्या के प्रति जागरूकता व स्वस्थ खानपान व्यवहार के प्रति क्षात्रों में सम्वेदनशीलता तथा शिक्षकों में भी पोषण अभिमुखीकरण हेतु एम एल एम एल इंटर कॉलेज में जिला चिकित्सालय के किशोर मित्र क्लीनिक द्वारा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला चिकित्सालय के किशोर मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने कार्यशाला में छात्रों को बताया कि किस तरह जंकफूड या बाजारू खाद्य पदार्थ उन्हें अपने स्वादेन्द्रिय का गुलाम बना लेता है और उनका मन स्वादवश रुझान के कारण पौष्टिक तत्वों से युक्त हरी साग सब्जी,फल,दूध इत्यादि से अरुचि पैदा कर देता है और फिर उनके शरीर मे आयरन की कमी होने लगती है। इसके दीर्घकालिक परिणाम के रूप में शारीरिक कमजोरी, याददाश्त में कमीं,पढ़ाई में मन न लगना, चिड़चिड़ापन,आंखों की रोशनी कम होना तथा अन्य असामान्य व्यवहार इत्यादि लक्षण दिखाई पड़तें है।
उन्होंने बताया कि किशोरों व किशोरियों के मन में पौष्टिक तत्वों से भरपूर घर मे तैयार खाद्य पदार्थ तथा हरी सागसब्जी व अन्य लौह तत्व युक्त फल, हरी सब्जी ,दूध इत्यादि सेवन करने के लिए भावनात्मक जागरूकता पैदा की जाय। इसमे परिजन, शिक्षक व विभिन्न सामाजिक पहलुओं का अहम योगदान होना चिहिये । फिर भी यदि अपेक्षित व्यहार बदलाव न दिखे हो तो ऐसे क्षात्रों को किशोर मित्र क्लीनिक द्वारा दी जाने वाली सेंसिटिविटी ट्रेनिंग व बिहैवियर थेरेपी बहुत ही कारगर है। कार्यशाला में कालेज के प्रधानाचार्य व शिक्षकगण मौजूद रहे ।