62 वां वार्षिक अधिवेशन व दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी इंडस्ट्री 4.0 का हुआ समापन
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में रविवार को आई0ई0टी0ई0 के संयुक्त तत्वावधान में 62 वां वार्षिक अधिवेशन एवं दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी इंडस्ट्री 4.0 का समापन हुआ। समापन सत्र के मुख्य अतिथि आई0ई0टी0 कानपुर के प्रो0 सी0एस0 उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में आई0ई0टी0ई0 की प्रो0 स्मृति डागर रही। कार्यकम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो0 सी0एस0 उपाध्याय ने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि किस प्रकार की तकनीक हम अपनाये जिससे हमारा भविष्य तकनीकी रूप से सुदृढ़ हो सके। हमे उस कार्य संस्कृति को विकसित करना है जिसमें लोग प्रश्न कर सके और उनके प्रश्नों का समाधान भी हो पाये। प्रो0 उपाध्याय ने हारवर्ड विश्वविद्यालय के शैक्षिक परिवेश का संदर्भ देते हुए कहा कि वहां पर छात्रों और शिक्षकों के मध्य बेहतर तालमेल के चलते एक सकारात्मक और परिणामजनक परिवेश का निर्माण हो पाया है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में मानव संसाधन पर्याप्त है बस तकनीकी रूप से समृद्ध होने की आवश्यकता है। जल संरक्षण पर प्रो0 उपाध्याय ने कहा कि देश में पर्याप्त वर्षा के बाद भी गर्मी के दिनों में जल संकट बन जाता है, जरूरत इस बात की है कि हम उसे कैसे संरक्षित करें इस गहन विमर्श की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि वर्तमान परिवेश में तकनीकी समृद्धता देश के लिए आवश्यक है। परन्तु इस तथ्य पर ध्यान देना होगा कि तकनीक की इस प्रतियोगिता में हमारा जीवन मशीनों के बीच उलझक न रह जाये। क्योंकि कई तकनीकी परियोजनायें कुछ दिनों के बाद अपनी प्रासंगिकता खो देती है। इसके लिए हमे अपनी अवश्यकताओं के अनुरूप तकनीकी विकास करना होगा। प्रो0 दीक्षित ने विश्व अर्थव्यवस्था के संदर्भ में बताया कि मात्र तीन सौ लोगो द्वारा विश्वभर की अर्थव्यवस्था संचालित होती है। सामाजिक मूल्यों के अनुरूप तकनीकी विकास मशीनी युग के बजाय समृद्ध व्यवस्था की तरफ अग्रसर करता है। कुलपति ने बताया कि जल संरक्षण के इस दौर में हमने ऐसी मशीन बनाई जो 40 प्रतिशत जल निष्प्रयोज्य बना रही है। आरो के संदर्भ में प्रो0 दीक्षित ने कहा कि उस तकनीक पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है कि हम निष्प्रयोज्य जल को पुनः प्रयोग में लाने की विधि पर कार्य करना होगा। अन्यथा जल संकट का समाधान होने के बजाय बढ़ता ही जायेगा।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आई0ई0टी0ई0 की प्रो0 स्मृति डागर ने कहा कि औद्योगिक क्रांति के इस युग में शिक्षण संस्थानों को औद्योगिक इकाईयों से बेहतर तालमेल बनाने की आवश्यकता है साथ ही औद्योगिक इकाईयों को शिक्षण संस्थानों से भी जुड़ना होगा तभी हम सफल हो पायेंगे। प्रो0 डागर ने कहा बताया कि जापान की आटोमोबाइल की इंडस्ट्री में रोबोटिक तकनीक इतनी उन्नत अवस्था में है कि उन्हें कार्य करने के लिए प्रकाश की आवश्यकता नहीं पड़ती है। यह परिवेश अमेरिकी वैज्ञानिकों को आश्चर्य में डाल दिया। ऊर्जा संरक्षण की इस तकनीक ने उत्पादन लागत में काफी कमी ला दी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप सभी देश के भविष्य है छोटी-छोटी चीजों का ध्यान आपकों तकनीकी समृद्धता की ओर ले जायेगा।
प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि आई0ई0टी0ई0 जैसे प्रतिष्ठित संस्थान ने यह अवसर हमें प्रदान किया। राज्य विश्वविद्यालय होने के नाते हम सभी के लिए यह अन्तरराष्ट्रीय आयोजन महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप् में है। इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी से छात्र-छात्राओं, प्रतिभागियों को विश्व स्तर पर प्रयोग की जा रही तकनीक के बारे में परिचर्चा करने का अवसर मिला। संगोठी की संयोजक डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी इंडस्ट्री 4.0 के सफल आयोजन पर रिपोर्टियर प्रस्तुत किया। इस संगोष्ठी में दो सौ अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और सौ से अधिक शोध-पत्र पढे गये। संगोष्ठी के समापन पर अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर किया गया। इसी सत्र में बेस्ट क्वेश्चन अवार्ड पर डॉ0 जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन रीतिका ठाकुर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय, प्रो0 अशोक शुक्ल, प्रो0 आर0के0 तिवारी, डॉ0 आर0के0 सिंह, डॉ0 नरेश चौधरी, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 बृजेश भारद्धाज, डॉ0 आर0 एन0 पाण्डेय, इं0 साम्भवी मुद्रा शुक्ला, डॉ0 मनीष सिंह, इं. विनीत सिंह, इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं0 रमेश मिश्र, इं0 अवधेश दीक्षित, इं0 परिमल त्रिपाठी, डॉ0 संजित पाण्डेय, डॉ0 कविता श्रीवास्तव, आशीष मिश्र सहित अन्य उपस्थित रहे।