-शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को नियमित करने की उठाई मांग
अयोध्या। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ से सम्बद्ध उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने मंगलवार को तिकोनिया पार्क में धरना दिया। धरना दे रहे शिक्षकों ने शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को नियमित करने की भी मांग उठाई। जिलाध्यक्ष डा संजय सिंह ने बताया कि सभी जिलों में आज प्रदर्शन हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन समेत चार मांगों को लेकर यह धरना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों का शासन द्वारा शोषण किया जा रहा है। शिक्षक विरोधी प्रावधानों को शिक्षा नीति से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राजस्थान, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में पुरानी पेंशन लागू कर चुकी है उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश के साथ साथ सम्पूर्ण भारत देश में पुरानी पेंशन को अविलंब लागू किया जाय। जिला मंत्री प्रेम कुमार वर्मा ने कहा कि जब तक सरकार पुरानी पेंशन लागू नहीं कर देती है तब तक हम शिक्षक मजबूती से अपना संघर्ष जारी रहेगा। ब्लाक मंत्री रुदौली अशोक वर्मा नेसरकार की निजीकरण नीति को पेंशन में सबसे बड़ी बाधा बताया। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति में काफी नियम शिक्षकों के हित में तर्कसंगत नहीं हैं ऐसी विसंगति को समाप्त किया जाय।
शिक्षक नेता और ब्लाक संयोजक सोहावल विकास खण्ड के अवधेश यादव ने कहा कि जिस प्रकार से किसानों ने अपनी एकता, त्याग बलिदान और अनवरत संघर्ष के बल पर किसान बिल को वापस लेने के लिए सरकार को मजबूर कर दिया , उसी प्रकार हमारा संगठन भी लगातार संघर्ष जारी रखेगा जब तक सरकार पेंशन देने के लिए मजबूर नहीं होती। बीकापुर ब्लाक के संयोजक दंगल सिंह जी ने संगठन की एकता के बल पर संघर्ष करते रहने का संदेश दिया।
धरने के अन्त में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मुख्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया । ज्ञापन में में मांग की गई कि पुरानी पेंशन योजना को तत्काल बहाल किया जाय। शिक्षामित्र, शिक्षाकर्मी आदि विभिन्न नामों के तहत कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाय। इस मौके पर पर सचिन त्रिपाठी, अवधेश यादव, दंगल सिंह , राजेश कुमार, उमा शंकर, राज कुमार वर्मा, रंजना वर्मा, अमिताभ सिंह, रंजीत यादव, अशोक यादव, अशोक वर्मा, अटेवा जिलाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह, अटेवा जिलामंत्री उमा शंकर शुक्ल, विकास आदि मौजूद रहे।