-निर्वाणी अखाड़ा के महंतों ने हनुमानगढ़ी की गद्दी दलान में तिलक कर दी मान्यता
अयोध्या। हनुमानगढ़ी निर्वाणी अखाड़ा की शाखा चित्रकूट यज्ञवेदी के महंत सोमवार को समारोह पूर्वक सुरेश दास बनाए गए। उन्हें हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास जी महाराज,निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत मुरली दास, महासचिव सत्यदेव दास और नंदराम दास,पूर्व प्रधानमंत्री महंत माधव दास, धर्म सम्राट महंत ज्ञान दास महाराज के उत्तराधिकारी संकट मोचन सेना के अध्यक्ष महंत संजय दास, गद्दीनशीन महंत प्रेमदास जी महाराज के उत्तराधिकारी हनुमत संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य महंत डा महेश दास, नागा रामलखन दास, महंत पहलवान राजेश दास, हनुमानगढ़ी के वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास, पहलवान मनीराम दास, अजय श्रीवास्तव व शिवम श्रीवास्तव आदि की मौजूदगी में महंत पद की उपाधि दी गई।
हनुमानगढ़ी के गद्दी दलान में हनुमान जी महाराज को साक्षी मानकर तिलक और साफा बांधकर सुरेश दास का महंत के पद पर अभिषेक किया गया। गद्दीनशीन श्रीमहंत प्रेमदास जी महाराज ने बताया कि चित्रकूट स्थित यज्ञवेदी मंदिर हनुमानगढ़ी निर्वाणी अखाड़ा की शाखा है।
वहां का महंत राम दुलारे दास को अखाड़ा ने बनाया था। वहां कोई भी महंत अपने रिश्तेदार को नहीं रख सकता है। जबकि राम दुलारे दास ने नियमों का उल्लंघन कर सत्य प्रकाश दास को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। और वे वहां की जमीन जो 8 करोड़ से ज्यादा है को बेच रहे थे।
उन्होंने बताया कि सत्य प्रकाश दास मंदिर की धार्मिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। इस सब को देखते हुए महंत दुलारे दास के शिष्य सुरेश दास को हनुमानगढ़ी की निर्वाणी अखाड़ा ने चित्रकूट स्थित यज्ञवेदी का महंत चुना गया है। हम सब उनके साथ हैं और यह निर्वाध रूप से और वहां के मंदिर के संचालन में प्रबंधन आज से करेंगे।