– ग्रामीण बोले सांड को नहीं पकड़वा रहा प्रशासन
मिल्कीपुर। गन्ने की सिंचाई कर रहे किसान पर सांड ने हमला कर दिया। सांड के हमले से वृद्धि किसान गंभीर रूप से घायल हो गया परिजनों ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था जहां पर इलाज के दौरान मौत हो गई।
मिल्कीपुर तहसील अंतर्गत थाना कुमारगंज क्षेत्र के पारा धमथुवा पूरे ज्वाला सूबेदार गांव निवासी किसान सत्य नारायण मिश्रा पुत्र पाटनदीन (80) दो दिन पूर्व गन्ने की सिंचाई करने के बाद पाइप को बटोर रहे थे तभी छुट्टे मवेशियों का झुंड गन्ने के खेत में घुस गया। किसान खेत में घुसे जानवरों को बाहर निकलने लगा तभी एक सांड हमला कर दिया।
हमले में कृषक सत्य नारायण मिश्रा गंभीर रूप से घायल हो गए चिखने चिल्लाने पर जब ग्रामीण दौड़े तो सांड पास से निकल गया। परिजन उपचार करने के लिए सौ शैय्या अस्पताल कुमारगंज ले गए। जहां पर तैनात डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार करते हुए हालत गंभीर देख जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया था। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत ह गई।
किसान के मौत की जानकारी मिलने पर लेखपाल महेंद्र तिवारी ने घटना की रिपोर्ट बनाकर तहसील प्रशासन को सौंप दिया है। तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह का कहना है कि पीड़ित परिवार का हर संभव मदद की जाएगी। वही ग्रामीणों का कहना है कि खंड विकास अधिकारी समेत तहसील प्रशासन से क्षेत्र में घूम रहे मवेशियों को पकड़ने के लिए कहा जाता रहा। लेकिन संबंधित कर्मचारी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दिए जिससे किसान की जान चली गई। ग्रामीणों का कहना है कि यह सांड कई लोगों को मारकर घायल कर चुका है। यदि इसको प्रशासन द्वारा नहीं पकड़ा गया तो किसी दिन और किसी को मौत के घाट उतार देगा ।
किसान की मौत पर भारतीय किसान यूनियन नाराज, परिवार को 20 लख रुपए आर्थिक सहायता दिलाने की मांग
– प्रशासन द्वारा फर्जी कार्रवाई तथा साडो के रख रखाव के नाम पर फर्जी बिल व कार्यवाही के चलते तमाम किसानों की फासले जानवर चर रहे हैं और किसान सारी रात अपने फसल की सुरक्षा में खेतों में रखवाली करते बिता रहा है कई किसान छुट्टा जानवरों के हमले से मर रहे हैं तहसील मिल्कीपुर अंतर्गत ग्राम पराधांत हुआ के किस सत्यनारायण मिश्रा जो अपने खेत में सिंचाई का कार्य कर रहे थे अचानक छुट्टा साड द्वारा अचानक हमला कर दिए जाने से उनकी मृत्यु सही इलाज न मिल पाने से हो गई। जिला प्रशासन तथा थाने के कर्मचारी सिर्फ पैसा वसूल ने और फर्जी बिल बनाने में मस्त है किसान मौत के आ उसमें समाकर कार्यों के बोझ के तले दबकर अपने जीवन लीला समाप्त करने पर लगा है
प्रशासनिक अधिकारियों यदि समय रहते बैलों का सही प्रबंध किए होते जबकि बार-बार यह शिकायत आती रही की वह साल मा कहा है कई किसानों को मार चुका है परंतु प्रशासनिक अधिकारी महात्मा गांधी के तीन बंदरों की भूमिका में बैठ गए हैं ऐसा नहीं है कि प्रशासन बैलों को समर्पित करने के लिए धन नहीं देता बजट तो पर्याप्त मात्रा में आता है परंतु फर्जी बिल बनाकर सारा धन कर्मचारी और अधिकारी डकार जा रहे हैं
भारतीय किसान यूनियन ने आपातकालीन बैठक कर जिला अधिकारी से श्री मिश्रा के परिवार को 20 लख रुपए आर्थिक सहायता दिलाने की मांग की तथा उस ब्लॉक के दोषी कर्मचारी जिन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया के विरुद्ध शिथिलता के कारण जानवरों द्वारा किसानों की हत्याएं होने के लिए दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की। इसके लिए किसने जिला अधिकारी तथा उनके माध्यम से प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन देने की मनसा व्यक्ति की, कि जिला प्रशासन के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री को हम लोगों का ज्ञापन सौपें गें। बैठक में शिव प्रसाद पांडे,नरेंद्र कुमार तिवारी, रामेंद्र कुमार पांडे, राम भुलावन पाठक, मंगला श्रीवास्तव, गीता यादव, राजकुमार गुर्जर, मुन्ना पांडे, रमेश पांडे सहित काफी लोग मौजूद रहे।