विश्व मधुमेह दिवस की पूर्वसंध्या पर स्वास्थ्य वार्ता
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प्रमुख लक्षण: भूख ,प्यास, मूत्रत्याग की अधिकता व वजन कम होते जाना
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मुख्य दुष्प्रभाव: आँख की रोशनी, किडनी,हृदय व न्यूरोलॉजिकल लक्षण
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उपाय: तनावमुक्त जीवनशैली व योग, औषधीय प्रयोग
अयोध्या । विश्व मधुमेह दिवस पर सेवा भारती द्वारा संचालित हनुमत धर्माथ चिकित्सालय श्यामदरबार में स्वास्थ्य प्रबोधन में चिकित्सक डॉ आर एस मिश्र ने कहा वर्तमान खान पान और जीवनशैली के कारण समाज का हर आयुवर्ग डायबिटीज के खतरे में है। सेवा केंद्र पर स्वास्थ्य प्रमुख डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी ने मधुमेह के खतरों और उनसे बचाव के लिए जानकारी देते हुए स्वस्थ जीवनशैली और योग को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी। डॉ त्रिपाठी ने कहा कभी बढ़े हुए सुगर लेवल को ही डायबिटीज मान लेना उचित नहीं है , क्योंकि कई बार यह अनावश्यक तनाव या खानपान की गड़बड़ी से भी बढ़ कर जांच के समय खतरे का संकेत कर सकता है इसलिए डायबिटीज की नियमित दवा शुरू करने से पहले Hb1Ac जांच भी करवा लेनी चाहिये। यदि 7 से कम है तो आपको दवा की जरूरत नही केवल परहेज से ही आपका सुगर नियंत्रित हो जाएगा।
होम्योपैथी के अनुसार व्यक्ति में सोरा-साइकोसिस या सोरा -सिफिलिस मायज्म की प्रभाविता के कारण दो तरह की डायबिटीज हो सकती है, जिनमे पहचान के प्रमुख लक्षणों में अत्यधिक भूख,प्यास व मूत्रत्याग की प्रवृत्ति रहती है,साथ ही वजन का कम होते जाना पाया जाता है। ठीक तरह से अनुपचारित मामलों में आंखों की रोशनी कम होना, फिर किडनी ,हृदय व न्यूरो की समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है । घरेलू उपाय में 250 ग्राम मेथीदाना 100ग्राम अजवायन व 50 ग्राम कला जीरा पीसकर चूर्ण बना ले और एक चम्मच रात में सोने से पहले गुनगुने पानी से लें। सुबह कम से कम 3 किमी पैदल चलें, योगनिद्रा,कटि ऊष्ट्रासन, पवनमुक्तासन, मण्डूक आसन करें। होम्योपैथी में कांस्टीट्यूशनल रेमेडीज के अनुरूप चिकित्सा का विधान है।
इस अवसर पर डॉ आर एस मिश्र, डॉ उपेन्द्र मणि त्रिपाठी, डॉ आभा सिंह, डॉ प्रेमचंद पांडेय, डॉ सौरभ दीक्षित, हौसिला प्रसाद त्रिपाठी, अनिल अग्रवाल, दुर्गा प्रसाद त्रिपाठी, रमेश चन्द्र, रमेश पांडेय, अनुराग सिंह, आदि उपस्थित रहे।