-चांदपुर मजरे पूरे पंडित युगराज में कथा का दूसरा दिन
अयोध्या। जनपद के विकासखंड तारुन के चांदपुर मजरे पूरे पंडित युगराज में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन कथा प्रवक्ता पंडित चंद्रिका प्रसाद मिश्र ने कहा की मुक्ति मन को मिलती है आत्मा को नहीं, आत्मा तो नित्य मुक्त है।
कथा व्यास ने कहा कि सुख और दुख का अनुभव मन को होता है आत्मा को नहीं फिर भी आत्मा पर उसका आरोप किया जाता है। श्रीकृष्ण लीला अद्भुत है मन को वश में करता है। सांसारिक विषयों का विस्मरण होने पर ही सच्चा आनंद होता है। सांसारिक संबंध छूटने पर ही ब्रह्म संबंध जुड़ता है यदि सांसारिक विषयों में सच्चा आनंद होता तो यह सब कुछ छोड़कर निद्रा की इच्छा ही नहीं होती। कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा ब्यास ने कहा कि धन के दुरुपयोग से यह लोक और परलोक दोनों बिगड़ते हैं। मनुष्य अपना बहुत समय संपत्ति और संतति के पीछे गवा देता है जीव बहुत समय फैशन और बेसन में नष्ट कर देता है शरीर य संतति को अतिशय व्यथा देना य अतिशय दुलार अच्छा नहीं है। यदि परमात्मा ने तुम्हें अधिकार दिया है तो सदुपयोग करने का अधिकतर उत्तरदायित्व पर है यदि भगवान प्रसन्न होंगे तो जीव मात्र का कल्याण होता है। भागवत तो भव रोग की औषधि है किंतु सभी व्रत नियमों का विधिपूर्वक पालन करना चाहिए। महापुरुष वेद शास्त्रों की मर्यादा का उल्लंघन कभी नहीं करते हैं स्वयं श्रीकृष्ण भी ब्रह्म मुहूर्त के समय सैया का त्याग कर देते थे इसलिए हर जीव को शास्त्रों के द्वारा बताए हुए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। कथा ब्यास ने धुंधकारी की कथा व परीक्षित जन्म की कथा सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। इससे पूर्व मुख्य यजमान सावित्री दुबे वीरेंद्र नाथ दुबे व ग्रामोदय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संदीप सिंह ने व्यास पीठ की आरती उतार कर कथा का शुभारंभ कराया। इस अवसर पर राजेन्द्र नाथ दुबे, प्रधान योगेश मिश्र, संजय दुबे, मुकेश प्रताप सिंह रिंकू, मनोज दुबे, आदित्य प्रसाद दुबे, संतोष दुबे, विजय तिवारी, मंशाराम यादव, कपिलदेव तिवारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कथा का रसपान किया।