‘इमरजिंग ट्रेंड्स इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’ कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आई0ई0टी संस्थान में इमरजिंग ट्रेंड्स इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कल्पना चावला सभागार में किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने शोधार्थिंयों को संबोधित करते हुए कहा कि तकनीकी क्षेत्र में हमेशा समय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आज के नये ट्रेंड्स के व्यवहारिक पक्षों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मोबाइल का प्रयोग में नये एप्प स्विग्गी पर एटीएम आदि का प्रयोग एवं सिक्योरिटी एक चुनौती है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल ने कहा कि कार्यशाला विषय के प्रति रूचि एवं विषय ज्ञान वृद्धि का एक अच्छा माध्यम है। आज के परिदृश्य में देश के विद्यार्थी भारत के बाहर अंबेसडर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे है। विशिष्ट अतिथि के रूप में डाॅ0 विनीत गोयनका ने प्रतिभागियों को बताया कि जिस देश की तकनीकी क्षमता श्रेठ है वह पूरे विश्व में राज करेगा। विश्व में घटित कई घटनाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि तकनीकी का प्रयोग करके कोई भी देश शक्तिशाली देशों की श्रेणी में आ सकता है। कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ0 मुनेश चंद ने इमरजिंग ट्रेंड्स इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में फंडामेंटल पर ध्यान देने की बात कही। वहीं आई0आई0टी0 कानपुर के प्रो0 सी0 एस0 उपाध्याय ने कार्बन मेटल का उदाहरण देते हुए बताया कि आज भी देश के जवान जो सिर पर हेलमेट पहनते है उसका कुल वजन 3 किलोग्राम होता है उसका वजन कम करने की आवश्यकता है। संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने पूरे कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कुलपति जी की प्रेरणा से आज संस्थान में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला के लिए देश के प्रघानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित एवं संस्थान को शुभकामनायें दी है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में देशभर से कुल 110 शोध-पत्र प्राप्त हुए है जिनमे से इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एवं कंप्यूटर साइंस में 31 शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। अगले दिन दो तकनीकी सत्र में अप्लाईएड साइंस में 14 शोध पत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में 19 शोध पत्र प्रस्तुत किये जायेगे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम प्रदान कर किया गया। कार्यशाला का संचालन इं. शाम्भवी शुक्ला तथा इं. आशुतोष मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर डाॅ0 प्रियंका श्रीवास्तव, डाॅ0 वन्दिता पाण्डेय, डॉ0 महिमा चैरसिया, डॉ0 ब्रजेश भारद्वाज, इं. विनीत सिंह, डॉ0 अतुल सेन, श्री अभिनव, इं. पारितोष त्रिपाठी, इं. रमेश मिश्र, इं. कृति श्रीवास्तव, इं. श्वेता मिश्रा, इं. समृध्दि सिंह, सुप्रिया त्रिवेदी, इं. समरेन्द्र प्रताप सिंह, इं. अंकित श्रीवास्तव, इं. शोभित श्रीवास्तव, इं. नूपूर केसरवानी, ज्योति यादव, इं. आस्था कुशवाहा, रजनी मौर्या, इं. अवधेश दीक्षित, इं. प्रवीन मिश्रा, इं. अवधेश मौर्या, इं. अनुराग सिंह, शाम्भवी शुक्ला, प्रदीप कुमार, अमित भाटी, अमित भारद्वाज, प्रेम शंकर, दीपक कोरी, मुरली, अमितेश, दीपक खरे, चन्द्रशेखर वर्मा, चन्दन अरोड़ा, महेश चैरसिया, इं. मनीषा यादव, इं. निशान्त सिंह, इ. पीयूष राय, दिलीप यादव, सुनील प्रभाकर , सौहार्द ओझा, शिक्षा जैन, आशीष पाण्डेय, निधि प्रसाद, रजनीश पाण्डेय, आशुतोष मिश्रा सहित शिक्षक कर्मचारी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहें।