-इसरो के सेवानिवृत्त विज्ञानी नियमित दो घंटे अंतरिक्ष विज्ञान की आनलाइन कक्षाएं चलाएंगे
मिल्कीपुर। जहां एक तरफ़ भारत ने चंद्रयान -3 की सफल लांचिंग करके पूरे विश्व में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया है। वहीं दूसरी ओर हैरिंग्टनगंज ब्लाक क्षेत्र स्थित ग्राम पंचायत पलिया लोहानी का कंपोजिट विद्यालय एक ऐसा सरकारी स्कूल होगा, जहांअंतरिक्ष विज्ञान प्रयोगशाला बनेगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) के सेवानिवृत्त विज्ञानी नियमित दो घंटे अंतरिक्ष विज्ञान की आनलाइन कक्षाएं चलाएंगे। व्योमिका स्पेस प्राइवेट लिमिटेड स्कूल के बच्चों को एजूकेशन ट्रिप पर अहमदाबाद ले जाया जाएगा। जहां बच्चे स्पेस एप्लिकेशन सेंटर पर जाकर अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जान सकेंगे।
स्पेस लैब में एस्ट्रोनॉमी प्रोजेक्ट किट, हेक्साकाप्टर ड्रोन किट, माइक्रोड्रोन एयरक्राफ्ट किट, सोलर एंड डीप स्काई आब्जर्वेशन टेलीस्कोप , प्रज्ञान स्केल माडल ग्रोवर, सेटेलाइट माडल सहित 42 संयंत्र उपलब्ध होंगे। इसके निर्माण पर कुल 8 लाख 26 हजार रुपये खर्च होंगे। जिसे पंचायत निधि से वहन किया जाएगा। लैब का निर्माण आगामी अक्टूबर माह के अंत तक पूर्ण हो जायेगा। केंद्र सरकार के क्षमता निर्माण कार्यक्रम के अनुरूप इस विद्यालय का विकास करने का प्रयास ग्राम पंचायत द्वारा किया जा रहा है।
ग्राम प्रधान अभिषेक सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के विजन “स्पेस एजूकेशन“ के सपनों को साकार करने के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में स्पेस लैब स्थापित करके बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार करने हेतु बढ़ावा देना है। जिससे ग्रामीण प्रतिभाएं अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार करके अपनी पहचान बना सकें। इसके लिए व्योमिका स्पेस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ गोविन्द यादव से वार्ता भी हो चुकी है। व्योमिका स्पेस लैब प्राइवेट लिमिटेड एक ऐसी संस्था है जो इसरो से जुड़कर बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान की पढ़ाई हेतु तैयार करती है।