कूड़ा डम्प किये जाने पर नगर निगम पर 50 लाख का जुर्माना, अवैध कब्जेदारों का कब्जा चार माह में जिला प्रशासन हटवायेगा
अयोध्या। धर्मनगरी अयोध्या और परिक्रमा मार्ग के उत्तर तरफ सरयू सलिला के किनारे-किनारे दो सौ हेक्टेयर भूमि में, चार किलोमीटर लम्बी भगवती माता सीता के नाम पर झील बनायी जायेगी जिसके प्रारूप को अंतिम रूप दिया गया है। उक्त जानकारी पूर्वोत्तर प्रदेश नदियां एवं जलाशय अनुश्रवण कमेटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति डी.पी. सिंह ने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इस झील में सरयू की अविरल जलधारा प्रवाहित होती रहेगी जो अयोध्या आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनी रहेगी। न्यायमूर्ति श्री सिंह ने बताया कि सरयू के किनारे नम क्षेत्र में लगभग दो सौ हेक्टेयर भूमि अफीम कोठी से लेकर राजघाट तक मौजूद है जिसमें लगभग 63 हेक्टेयर भूमि धरी है बाकी डेढ़ सौ हेक्टेयर भूमि पर खेवट दर्ज है। उन्होंने कहा कि इस भूमि पर अवैध कब्जेदारों का कब्जा चार माह में जिला प्रशासन हटवायेगा। चार किलोमीटर लम्बी बनने वाली सीता लेन के चिन्हित क्षेत्र में जलमग्न क्षेत्र में फ्राड करके लोगों ने जमीनें बेंच दी है प्लाटिंग की है और अवैध रूप से कब्जा किया है। जिसकी इंक्वायरी करने के लिये जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में नगर निगम पर कूड़ा डम्प किये जाने के विरुद्ध पचास लाख का जुर्माना लगाया गया है और उन्हें चार माह का समय दिया गया है कि वे डम्प किया गया पूरा कूड़ा हटा लें अन्यथा उनके ऊपर 1 अगस्त 2018 से जुर्माना राशि के अलावा पांच हजार रुपये प्रतिदिन सम्मन शुल्क वसूला जायेगा। कैंट बोर्ड द्वारा जमथरा घाट पर कूड़ा डम्प करने के विरुद्ध उन पर तिरसठ लाख तीस हजार रुपये जुर्माना ठोंका गया है। इसके अलावा सिंचाई विभाग पर बालू डम्प करने के विरुद्ध 25 लाख का जुर्माना लगाया गया है। श्री सिंह ने कहा कि एनजीटी की अनुमति के बगैर एरिगेशन डिपार्टमेंट पर जमथरा घाट पर बालू इकट्ठा किया गया था जो अवैधानिक पाया गया। आज उन्होंने सीतालेक की योजना को अंतिम रूप दिये जाने को लेकर बैठक की जिसमें मण्डलायुक्त मनोज मिश्र, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा के साथ-साथ एरिगेशन डिपार्टमेंट, विकास प्राधिकरण, नगर निगम, वन विभाग आदि के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर कमेटी के सचिव राजेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे।