-राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य प्रतिनिधि ने सिंधी लेंगुएज लर्निंग सेंटरों का किया निरीक्षण
अयोध्या। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्था राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य प्रतिनिधि विश्व प्रकाश रूपन ने सिंधी भाषा के मध्य प्रदेश के इंदौर व उज्जैन शहरों में चल रहे सिंधी लेंगुएज लर्निंग सेंटर के दस से भी अधिक सेंटर्स का निरीक्षण कर सैकड़ों सिंधी भाषा प्रेमियों से मुलाकात कर उनके विचार जानें।
समय समय पर शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के देश भर में चल रहे अलग अलग प्रदेशों के विश्वविद्यालयों व अनेक केंद्रों के निरीक्षण और वर्तमान पीढ़ी सहित सिंधी भाषा प्रेमियों की मनःस्थिति को जानने व उसमें निरंतर व्यापक कार्य योजना बना कर सिंधी भाषा के प्रसार का लगातार काम करने का उद्देश्य के प्रकाश में परिषद के सदस्य प्रतिनिधियों भगतराम छाबड़ा, मनीष देवनानी,उमा जगतियानी,डा. वन्दना खुशालानी, अशोक मूलचंदानी, कविता आसनानी, तुलसी टेकवानी आदि को देश भर के लगभग सभी केंद्रों में अलग अलग मौके पर जाकर निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया जाता रहता है।
इस क्रम में उत्तर प्रदेश के अयोध्या निवासी राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के सदस्य प्रतिनिधि विश्व प्रकाश रूपन को मध्य प्रदेश के दर्जनों केंद्रों पर जाकर निरीक्षण करने का निर्देश भेजा गया था। श्री रुपन ने बताया कि निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों में मातृभाषा सिंधी के साथ देश के प्रति भी खासा प्रेम दिखा। इस दौरान विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद की सिंधी भाषा के प्रसार हेतु चलाई जा रही योजनाओं की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
श्री रुपन ने निरीक्षण के दौरान ही समय निकाल कर देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद द्वारा वित्त पोषित संचालित हेमू कालाणी सिंधी भाषा अध्ययन केंद्र भी देखा और वहां के निदेशक व संबंधित व्यक्तियों से भी शिष्टाचार भेंट की।इंदौर व उज्जैन मिला कर दस से भी अधिक एस.एल. एल.सी. सेंटर्स का निरीक्षण और विद्यार्थियों की जिज्ञासा से निरीक्षण करने का सुखद अनुभव हुआ।
शीघ्र ही इसकी विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद को भेजे जाने की बात विश्व प्रकाश रुपनने कही है। उन्होंने उपाध्यक्ष डॉ मोहन मंघनानी व निदेशक प्रो डॉ रवि प्रकाश टेकचंदानी के सिंधी भाषा को देश के सभी प्रदेशों व सभी भारतीय भाषाओं के साथ मिलकर प्रसार के किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।