योग गुरु की संस्था को करोड़ो की जमीन बेचने वालों को झटका

by Next Khabar Team
A+A-
Reset

-एआरओ कोर्ट ने नामांतरण प्रार्थना पत्र किया निरस्त

अयोध्या। अंतराष्ट्रीय योग गुरु श्री श्री रविशंकर जी महाराज की संस्था व्यक्ति विकास केंद्र को अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा घोषित डूब क्षेत्र माझा जमथरा में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 4 विस्वा जमीन को 21 बीघा बनाकर करोड़ो रुपये कमाने वाले भूमाफियाओं को सहायक अभिलेख अधिकारी की कोर्ट ने तगड़ा झटका देते हुए खारिज दाखिल प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया है। सहायक अभिलेख अधिकारी की अदालत से नामांतरण प्रार्थना पत्र निरस्त होने के बाद भूमाफिया गैंग पर क्रेता संस्था की तरफ से विलेख की शर्तो के अनरूप बैनामा वापसी का दबाव बढ़ गया है।

बता दे की माझा जमथरा डूब क्षेत्र में अब्दुल कलाम पुत्र अब्दुल सलाम निवासी बहादुरगंज द्वारा बंगलूरू की संस्था व्यक्ति विकास केंद्र के चेयर पर्सन मंजूनाथ प्रभू को 21 बीघा जमीन लगभग 10 करोड़ में रुपये में बेंची गयी थी। जबकि माझा जमथरा में मची सरकारी जमीन की लूट के मामले में शिकायत करने वाले श्री सरयू नगर विकास समिति के अध्यक्ष अवधेश सिंह का कहना है कि अब्दुल कलाम ने जिस महिला फैय्याज खातून की वसीयत के आधार पर जमीन को सरकारी अभिलेखों में चढ़वाया था। उसमें उनकी कुल जमीन मात्र 4 विस्वा ही थी जिसे आधिकरियो की मिलीभगत से 21 बीघा करवा कर बेंच दिया गया।

बंगलौर की संस्था को उक्त जमीन बेचने की सूचना मिलने पर श्री सिंह ने उक्त मामले में डीएम अयोध्या से लेकर पीएम कार्यालय तक इस मामले की शिकायत की थी। साथ ही उन्होंने इस जमीन के नामांतरण में भी आपत्ति दाखिल किया था। जिसकी सुनवाई होने के बाद सहायक अभिलेख अधिकारी राम कुमार शुक्ल ने 29 अप्रैल को वाद संख्या 966/2022 में अपना अंतिम आदेश पारित करते हुए उक्त जमीन के नामांतरण प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। एआरओ ने अपने आदेश में साफ लिखा है कि प्रपत्र संख्या 6 क्रमांक 215 दिनांक 27 जनवरी 2016 के जरिये मृतका फैय्याज खातून का नाम खारिज कर वसीयत के आधार पर अब्दुल कलाम का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया गया है।

इसे भी पढ़े  ऊंचे और लंबे होंगे रामपथ से जुड़ी गलियों के रैंप

जोकि खाता संख्या 79 में मतरूक इंद्राज निरस्त होकर गाटा संख्या 1 मि0 रकबा 21 बीघा की खारिज दाखिल 28 जनवरी 2016 को कर दी गयी। जबकि प्रपत्र 6 के आधार पर समझौता के अलावा गुण दोष का आदेश पारित नही किया जा सकता। मतरूक का इंद्राज साक्ष्यों पर आधारित होता है।उक्त मामले में वसीयत को भी साबित नही कराया गया।बिना वसीयत प्रमाणित किये ही आदेश पारित कर दिया गया जोकि विधिक दृष्टि से उचित नही है।

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya