आस्था व मुराद पूरी करने का केन्द्र बना मरी माता मन्दिर
अयोध्या। कम्पनी गार्डेन के उद्यान में स्थित मरी माता मन्दिर में शरद पूर्णिमा पर्व के अवसर पर विशाल भण्डारा का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में भक्तगण मन्दिर पहुंचे और मरी माता का पूजन अर्चन करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया। देर रात तक भण्डारा में भक्तों का तांता लगा रहा। इस मन्दिर पर भक्तों को बैठकर भोजन करवाने की विशेष व्यवस्था है जो भण्डारा को विशिष्ट रूप प्रदान करता है।
मां सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को लेकर तांडव करने लगे जिससे पृथ्वी डामाडोल हो गयी। भगवान से लेकर मनीषियों तक भयभीत हो गये। जहां जहां माता सती का अंग पृथ्वी पर गिरा वहां-वहां शक्ति पीठों की स्थापना की गयी जो कालांतर से मरी माता मन्दिर के रूप में श्रद्धालुओं के पूजन अर्चन का केन्द्र बना हुआ है। इन्हीं शक्तिपीठों में से एक सरयू तट पर स्थित मरी माता मन्दिर भी है। नवरात्रि व शरद पूर्णिमा पर्व पर मन्दिर में विशाल भण्डारा का आयोजन किया जाता है। भक्तों के लिए शहर से मन्दिर तक जाने आने की व्यवस्था मन्दिर समिति निःशुल्क करती है लगभग रात्रि एक बजे तक अनवरत भण्डारा चलता रहता है। इसके अतिरिक्त मन्दिर परिसर में ही सभी सुविधाएं भक्तों को निःशुल्क प्रदान की जाती है।
मन्दिर के महंत चन्द्रशेखर त्रिपाठी जो उद्यान विभाग में मन्दिर स्थापना के पूर्व कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे ने बताया कि उनके पिता असाध्य रोग से पीड़ित थे और सभी चिकित्सकों ने जबाब दे दिया था हमारा परिवार भी पूरी तरह निराश हो चला था एक दिन रात्रि में मुझे स्वप्न में मरी माता का दर्शन हुआ उन्होंने आदेश किया कि भगवान कार्तिकेय मन्दिर के पीछे नीम के वृद्ध के चारो तरफ जो चबूतरा बना है जहां समय-समय पर महिलाएं कढ़ाई चढ़ाने आती हैं वहां मेरा भव्य मन्दिर बनवाने का संकल्प लो तुम्हारे बीमार पिता निरोग हो जायेंगे। नीद टूटने के बाद उन्होंने माता के बताये आदेश को पूरा करने का संकल्प लिया और लोगों के सहयोग से मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ कराया। इस संकल्प का आश्चर्यजनक परिणाम निकला और उनके पिता पूरी तरह स्वस्थ्य हो गये जिससे विश्वास और दृढ़ हुआ। अपने संकल्प की जानकारी उन्होंने लोगों को दी लोगों का सहयोग मिलने लगा और देखते देखते माता का भव्य मन्दिर का निर्माण हो गया। जो भी भक्त सच्चे हृदय से मां से मन्नत मांगते हैं उनकी अभिलाषा मां अवश्य पूरा करती हैं।