-मृतक की पत्नी व बेटी को मिलेगी जुर्माने की आधी रकम
अयोध्या। पांच साल पहले नगर कोतवाली क्षेत्र में धनतेरस के दिन गोली मारकर हुई बलजीत छाबड़ा की हत्या के मामले में अदालत ने सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसंके साथ ही कुल सवा दो लाख रूपये का जुरमाना भी किया है। जुर्माने की आधी रकम मृतक की पत्नी व बेटी को देने का आदेश दिया है। यह फैसला बुधवार को अपर जिला जज पूजा सिंह की अदालत ने सुनाया है। कैंसर पीड़ित एक आरोपी की फ़ाइल सुनवाई के लिये अलग की गई थी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रमेश तिवारी ने बताया कि धनतेरस के दिन 17 अक्टूबर 2017 को दिन में 3:45 बजे बलजीत सिंह छाबड़ा अपनी दुकान आराधना मेंस वियर पर बैठे थे। इस दौरान वैभव पांडे उर्फ मोनू निवासी राजा गली चौक, नानू उर्फ मुस्तकीम निवासी पुरानी मछली मंडी चौक, अखिलेश पांडे निवासी राम घाट अयोध्या और निर्भय पांडे निवासी वशिष्ट कुंड दुकान में घुस आए और कहा कि तुमने अजय, अखंड व मुन्ना का कहना नहीं माना, इसलिये अब परिणाम भुगतो और इसके बाद बलजीत पर गोली चला दी। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल बलजीत को आनन-फानन में जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रकरण में मृतक के भाई हरजीत सिंह छाबड़ा की ओर से वैभव पांडे उर्फ मोनू, अंकित तिवारी, अखंड प्रताप पांडे, मुस्तकीम, अजय यादव, लल्लन उर्फ अरुणेंद्र सिंह व अखिलेश पांडे के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया गया। विवेचना में जुटी पुलिस ने वैभव पांडे उर्फ मोनू की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल की गई रिवॉल्वर बरामद की थी। अदालत से सभी को फांसी की सजा की मांग की गई थी, लेकिन अदालत ने सात आरोपियों को हत्या व आपराधिक षड्यंत्र का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक से 1.10 लाख व मुख्य दोषी धर्मेंद्र से 1.15 लाख रुपये जुर्माना वसूलने के आदेश दिए हैं। जुर्माने की धनराशि से आधी रकम प्रतिकर के रूप में मृतक की पत्नी और बेटी को देने का भी आदेश हुआ है।
इस चर्चित मामले के पीछे रंजिश एक पुराने मामले की मानी जा रही है। जिसमें 4 अक्टूबर 2017 को बलजीत के भाई हरजीत सिंह छाबड़ा पर जानलेवा हमला हुआ था। आरोप है कि उस मामले में सुलह करने का दबाव बनाया गया और सुलह न करने के चलते हत्याकांड को अंजाम दिया गया। हत्याकांड के बाद से ही आरोपी कारगर में हैं।