-सरदार पटेल ने पूरे देश को एकजुट करने का कार्य कियाः सांसद लल्लू सिंह
-अवध विश्वविद्यालय में राज्यपाल ने तीन भवनों का किया वर्चुअल शिलान्यास
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं प्रदेश राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि आज पूरा देश राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के रूप मना रहा है। 562 से ज्यादा रियासतों को एक करके भारत को अखण्ड बनाया है। इसलिए हम सभी सरदार पटेल जी को लौह पुरूष बोलते है। यह बातें राज्यपाल ने डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में रविवार को दोपहर 12 बजे राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरदार पटेल राष्ट्रीय एकात्मकता भवन, मल्टीपरपज लेक्चर हाल कॉम्प्लेक्स भवन तथा इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी भवन के वर्चुअल शिलान्यास कार्यक्रम में कही। राज्यपाल ने कहा कि गुजरात में सरदार पटेल जी का जन्म हुआ। अहमदाबाद में पार्षद का चुनाव हुआ और वे जीत नही पाये। फिर जब उपचुनाव हुए उसमें पटेल जी चुने गए। कुलाधिपति ने बताया कि वर्तमान में मेयर बोला जाता है। लेकिन उस समय प्रमुख बोला जाता था वे अहमदाबाद के प्रमुख बने। उन्होंने बताया कि एक पार्षद सिटी का कैसे विकास कर सकता है। उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके लिए सभी को संकल्प लेना चाहिए। सरदार पटेल ने वहां के विकास के लिए बहुत बड़े कदम उठाये। उन्होंने अपने समय में ड्रेनेज का कार्य करवाया। वे दूरदर्शी व्यक्तित्व के थे। सोच समझकर कार्य किया करते थे जो आज देश के प्रधानमंत्री मोदी जी कर रहे है। उन्होंने अमूल डेरी के बारे बताते हुए कहा कि यह आजादी के पहले की है और सिर्फ पांच सौ लीटर दूध से इसकी शुरूआत हुई थी। इस तरह की दूरदृष्टि वाले नेता समाज के लिए अपना जीवन लगा देते है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभभाई पटेल की कर्तव्य निष्ठा को दर्शाती है। पूरे विश्व से लोग इसे देखने आते है। इसे सिर्फ देखना ही नही है बल्कि इससे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से कहा कि अपने यहां के 100 या 150 छात्रों को ले जाकर वहां का भ्रमण जरूर कराये ताकि उससे प्रेरणा पा सके। हमारा देश विश्वगुरू बने और पूरे विश्व में प्रतिष्ठा प्राप्त करें।
अयोध्या सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि जिस समय देश आजाद हुआ उस समय परिस्थिति बहुत विषम थी। ऐसे में सरदार पटेल जी ने पूरे देश को एकजुट करने का कार्य किया। उस समय पूरा देश और कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी चाहते थे कि पटेल जी प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करें। परन्तु उन्होंने सहज भाव से कहा कि पं. नेहरू इस समय की आवश्यकता है उन्हें प्रधानमंत्री होना चाहिए। ऐसे सहज सरल व्यक्ति और राष्ट्र को एकजुट करने वाले सरदार पटेल जी के जन्मदिवस पर सभी शुभकामनाएं देता हूॅ। वे जिस तरह जिए वे प्रेरणा स्त्रोत है। आज उसी रास्ते पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी लगातार देश के विकास के बारें में सोचते रहते है। भारत फिर से सोने की चिड़ियां के रूप में जाना जाये और इसकी संस्कृति की पताका फहराये इसके लिए प्रयासरत है।
स्वागत उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने सर्वप्रथम विद्या की अधिष्ठात्री देवी माँ शारदा, संपूर्ण विश्व को भारतीय अध्यात्म, धर्म और दर्शन का अभूतपूर्व परिचय देने वाले स्वामी विवेकानंद और भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रति श्रंद्धाजलि अर्पित की। कुलपति ने बताया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के तीन नवीन भवनों का शिलान्यास किया गया। है। जिसमें सरदार पटेल राष्ट्रीय एकात्मता भवन में पब्लिक पालिसी एण्ड गर्वनेन्स, अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध, सामरिक एवं रक्षा अध्ययन सहित अन्य ग्रामीण और प्रसार अध्ययन से सम्बन्धित विषयों का पठन-पाठन किया जायेगा। इस भवन के निर्माण की लागत रू0 1098.44 लाख है। इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी भवन में बी०फार्मा व डी०फार्मा विषयों का पठन-पाठन किया जायेगा। जिसके निर्माण की लागत रू0 1359.44 लाख है। वर्तमान में डी०फार्मा में 60 सीट तथा बी०फार्मा में 60 सीटों पर शत-प्रतिशत प्रवेश किया जा चुका है तथा इस सत्र से पठन-पाठन प्रारम्भ हो गया है। मल्टीपरपज लेक्चर हाल काम्प्लेक्स भवन में बी०ए०, बी०काम०, एल०एल०बी०., बी०एस-सी० पाठ्यक्रमों का पठन-पाठन किया जायेगा। इस भवन के निर्माण रू०998.38 लाख का व्यय होगा।
सरदार पटेल राष्ट्रीय एकात्मकता के समन्वयक प्रो0 शैलेन्द्र वर्मा ने कहा कि वर्तमान भारत का भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य सरदार वल्लभभाई पटेल के दृढ़ निश्चय एवं स्पष्ट दृष्टिकोण का परिणाम है। उनका राष्ट्र निर्माण में विशेष योगदान रहा है। बारदोली सत्यागह के दौरान नेतृत्व के लिए उन्हें सरदार की उपाधि मिली। भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया। अपनी सूझबूझ से जटिल कार्य को भी सहजता से सुलझा देते थे। उनकी विचारधारा का अपानते हुए उसे आत्मसात करना ही उनकी प्रति सच्ची श्रंद्धाजलि होगी। कार्यक्रम का शुभारम्भ अयोध्या सांसद लल्लू सिंह एवं कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह द्वारा परिसर स्थित सरदार पटेल, डॉ0 लोहिया, गांधी जी एवं विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके उपरांत सभागार में सरस्वती मॉ की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण किया। विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना, कुलगीत एवं स्वागत की प्रस्तुति की। अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेटकर किया गया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 नीलम पाठक ने किया। कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर मनीषा यादव ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के डॉ0 विनोद चौधरी, डॉ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डॉ0 राजेश सिंह कुशवाहा, डॉ0 नितेश दीक्षित, आशीष पटेल की विशेष भूमिका रही। इस अवसर पर कुलसचिव उमानाथ, प्रो0 अशोक शुक्ल, प्रो0 एसएस मिश्र, प्रो0 अनुपम श्रीवास्तव, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 आरके तिवारी, प्रो0 आरके सिंह, प्रो0 राजीव गौड़, प्रो0 फारूख जमाल, प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, प्रो0 के0के वर्मा, प्रो0 गंगा राम मिश्र, प्रो0 रमापति मिश्र, प्रो0 अनूप कुमार, प्रो0 मोहित गंगवार, डॉ0 गीतिका श्रीवास्तव, डॉ0 महेन्द्र सिंह, सहायक कुलसचिव डॉ0 रीमा श्रीवास्तव, मोहम्मद सहील, डॉ0 सुरेन्द्र मिश्र, ओएसडी डॉ0 शैलेन्द्र सिंह, डॉ0 अनिल कुमार, डॉ0 सिंघु सिंहडॉ0 मुकेश वर्मा, डॉ0 वन्दिता पाण्डेय, इंजीनियर चन्दन अरोड़ा, डॉ0 अंशुमान पाठक, डॉ0 निहारिका सिंह, डॉ0 संदीप गुप्ता, इंजीनियर आरके सिंह, इंजीनियर परिमल त्रिपाठी, इंजीनियर विनीत सिंह, इंजीनियर राजीव कुमार, डॉ0 त्रिलोकी यादव, कर्मचारी संध के डॉ0 राजेश सिंह, राजेश पाण्डेय, प्रोग्रामर रवि मालवीय, गिरीशचंन्द्र पंत, सुरेन्द्र प्रसाद सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।