रामनगरी के संतो ने किया प्रदर्शन
अयोध्या। भाजपा सरकार में लूट मची है। योगी व मोदी मिशन को ठेकेदार पंचर कर दे रहे है स्वार्थ के चक्कर में, विश्व के पर्यटन हब पर अयोध्या को विकसित करने के लिए केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार द्वारा हर एक भरसक प्रयास किया जा रहा।
वहीं रामनगरी में हो रहा घटिया निर्माण कार्य इन सरकारों को ठेंगा दिखा रहा है। इस घटिया निर्माण कार्य से धर्मनगरी के संत आक्रोशित हैं। जिन्होंने आज इसके विरोध में प्रदर्शन किया। बता दें कि अयोध्या के विकास के लिए अरबों रूपये सरकारों की तरफ से अवमुक्त कर दिए गए हैं। रामनगरी में बहुत से कार्य चल भी रहे हैं। इनमें से एक कार्य कनक भवन मन्दिर के सामने की सड़क पर पत्थर लगाने का चल रहा है। जो लगभग आधा पूरा भी गया है। लेकिन उसका आलम यह है कि सड़क पर पत्थर अभी लगा नही की उखड़ना भी शुरू हो गया हैं। इस घटिया निर्माण लेकर को लेकर गत गुरूवार को संतों ने कनक भवन के सामने अपना आक्रोश प्रगट करते हुए काम को रोकवा दिया।
यहां पर आक्रोश प्रगट कर रहे लाल साहब के पुजारी रामनरेश शरण ने कहाकि तथाकथित एक ठेकेदार द्वारा यहां कच्चा काम किया जा रहा है। ऐसा काम हमें नही चाहिए। बात लाल पत्थर लगाने की हुई थी। लेकिन ठेकेदार यहां काला और नुकीला पत्थर लगवा रहा है, जिस पर चल पाना बहुत मुश्किल है। ऐसे में दर्शनार्थियों और आमजन को बड़ी दिक्कतें होंगी। करुणानिधान भवन के अधिकारी स्वामी श्री रामनारायण दास जी महाराज ने कहाकि इण्टर लाकिंग सड़क के ऊपर यह पत्थर लगाया जा रहा है। जो अभी से ही उखड़ना शुरू हो गया है। यहां अभी सीवर लाइन के कनेक्शन का भी काम नही हुआ है। यह सब आगे पत्थर लगाते जा रहे हैं। पीछे से सीवर लाइन वाले खोदते चले आ रहें। इसलिए पत्थर लगाने का काम सीवर लाइन कनेक्शन होने के बाद हो। साथ ही जिस लाल पत्थर की बात हुई थी वह लगे। संत रामविशाल दास ने कहाकि बहुत से दर्शनार्थी कनक भवन दर्शन करने व्हील चेयर से आते हैं। ऐसे में इस प्रकार का पत्थर लगाने से उन्हें बड़ी दिक्कतें होंगी। यह घटिया निर्माण का कार्य बन्द होना चाहिए। साथ ही मानक के अनुरूप कार्य हो। योगी सरकार का सब काम ठीक है। लेकिन यह जो घटिया कार्य हो रहा है वह कत्तई सही नही है। घटिया निर्माण के प्रति आक्रोश व्यक्त करने वालों में सियाराम दास, सुरेश चतुर्वेदी, घनश्याम, शिवशंकर, रवि, नारायण दास, बालमुकुंद गुप्ता,हरिश्चनद्र, अवधेश पान्डेय, रामप्रकाश आदि रहे।
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