“इंटरनेट ऑफ थिंग्स” विषय पर फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम एवं रोबोटिक्स एवं एंड्रॉइड एप पर कार्यशाला का आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आई0ई0टी0 संस्थान में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं ए0आई0टी0 बैंगलोर के संयुक्त तत्वावधान में “इंटरनेट ऑफ थिंग्स” विषय पर कल्पना चावला सभागार में एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम एवं रोबोटिक्स एवं एंड्रॉइड एप पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल ने किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल ने कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता एंव तकनीकी विकास के लिए इस तरह के आयोजन की बड़ी प्रासंगिकता है। वर्तमान समय में तेजी से बदलती सूचना तकनीक ने पूरे विश्व को मोबाइल एवं लैपटाप की स्क्रीन पर समेट दिया है। ई0 लाईब्रेरी, वैज्ञानिक शोध औद्योगिक विकास के प्रारूप, उच्च तकनीक युक्त रोबोटिक्स दुनियां सूचना तकनीक का उपहार ही है। प्रो0 शुक्ल ने बताया कि वह समय दूर नहीं जब हजारों कि0मी0 दूर बैठे कार्य प्रबन्धन, शल्य चिकित्सा एवं शिक्षण कार्य विशेषज्ञों के जरिये सहजता से सम्पन्न किये जा सकेंगे। इंटरनेट ने अभी आधा मार्ग ही तय किया है। आज से 15 वर्षों के बाद यह अपने परिपक्व अवस्था में होगा उस समय रोबोटिक्क तकनीक कॉफी एडवांस स्थिति में होगी और कॉफी कुछ निर्भरता इन तकनीकों से जुड़ी होगी। प्रो0 शुक्ल ने बताया कि अब यह आवश्यक है कि अपनी पुरानी तकनीकों को अपग्रेड करते हुए विश्वस्तरीय प्रतियोगिता में अपना एक स्थान बना चुके है उस पर नियमित रूप से लगन से कार्य करते रहे। प्रो0 शुक्ल ने संस्थान में एक म्यूजियम की स्थापना पर ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि कोई भी तकनीक पुरानी तकनीक को हटाती नहीं है बल्कि उससे आगे की उन्नत तकनीक का मार्ग सुदृढ़ करती है। आने वाले छात्र-छात्राओं को पुरानी तकनीकों के बारे में भी ज्ञान होना आवश्यक है।
कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि आज का युग विज्ञान का है। वैज्ञानिक विकास से ही राष्ट्र की पहचान होती है। आज ही के दिन ही टेलीफोन का अविष्कार हुआ था आज टेलीफोन की विकास यात्रा कहां से कहां जा पहुॅची है। श्री सिंह ने स्वामी विवेकानन्द के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस दिन आप के समक्ष कोई समस्या न हो तो आप समझ जाये कि आप गलत रास्ते पर जा रहे है।
संस्थान के निदेशक प्रो0 रमापति मिश्र ने कहा कि अभियात्रिंकी के इस युग में सब कुछ उन्नत तकनीक पर आधारित है। इसके लिये आवश्यक है कि प्रशिक्षु नियमित रूप से स्वयं को अपग्रेड कर प्रासंगिक बने रहे। इसी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिये एक सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन कर संस्थान रोबोटिक्स की दुनियां से परिचित कराने के लिये कर रहा है। इस तकनीक पदार्पण एक महत्वपूर्ण युग की ओर अग्रसर है। विकसित देश जापान, अमेरिका में बढ़ती इस तकनीक ने प्रत्येक कार्य क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन कर दिया है। प्रो0 मिश्र ने कहा कि इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से समूचा जनमानस उसकी तकनीकी क्षमता का उपयोग कर रहा है। मोबाइल के अपग्रेडेसन से एंड्राइड एप की तकनीक ने स्मार्ट मोबाइल का स्वरूप ही बदल दिया है। संचार प्रौद्योगिकी ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है और इससे अब कोई अछूता नहीं है। प्रो0 मिश्र ने बताया कि इस कार्यशाला के आयोजन का उद्देश्य शिक्षकों में शिक्षण तकनीक का उच्चतर ज्ञान एवं छात्र-छात्राओं को बदलती दुनियां की नई तकनीकों से परिचित कराना है।
कार्यशाला के तकनीकी सहयोग में रिर्सोस पर्सन के रूप में ए0आई0टी0 बैंगलोर से इं0 बाला जी टी0एस0, इं0 जावेद बैज, इं0 दिनकरन एम0 एवं इं0 धनंजय तिवारी द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस कार्यशाला में दिल्ली, नोयडा, लखनऊ सहित कई जिलों के सौ से अधिक शिक्षकों एवं प्रतिभागियों ने भाग लेने के लिये पंजीकरण कराया है। कार्यक्रम का संचालन इं0 परिमल त्रिपाठी द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन इं0 रमेश मिश्र ने किया। इस अवसर पर कार्यशाला की नोडल ऑफिसर डॉ0 प्रियंका श्रीवास्तव, डॉ0 वन्दिता पाण्डेय, डॉ0 अनिल यादव, इ0ं चन्दन अरोड़ा, इं0 आर0के0 सिंह, इं0 रामानन्दन त्रिपाठी, इं0 सुनील सहाय, इं0 उमेश सिंह, इं0 महिमा चौरसिया, इं0 अवधेश दीक्षित, इं0 विवेक मिश्र, इं0 विनीत सिंह, इं0 पारितोष त्रिपाठी, इं0 प्रवीण मिश्र, इं0 अमित भाष्कर, डॉ0 संजीत पाण्डेय, इं0 शोभित श्रीवास्तव, इं0 पीयूष राय, जुलियस कुमार, डॉ0 अनुराग त्रिपाठी, इं0 आशीष पाण्डेय, डॉ0 हरगोविन्द सिंह, इं0 दिव्या त्रिपाठी, इं0 अवधेश यादव, इं0 कृति श्रीवास्तव, इं0 अनुराग सिंह, इं0 आशुतोष मिश्र, इं0 मनीषा यादव, इं0 रजनी मौर्या, इं0 नूपुर केशरवानी, इं0 आस्था कुशवाहा सहित समस्त शिक्षक एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।