जीआईसी में जांच के लिए लिया लिया गया सैम्पल, हुई थर्मल स्कैनिंग

अयोध्या। राजस्थान के कोटा शहर में कोचिंग पढ़ने गये छात्र-छात्राएं जो लॉकडाउन में फंस गये थे को उत्तर प्रदेश परिवहन निगग की तीन बसों के द्वारा 75 छात्र-छात्राओं को अयोध्या जनपद लाया गया। कोटा से लाया गया। छात्र-छात्राओं को राजकीय इण्टर कालेज ले जाया गया जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी का थर्मल स्कैनिंग व जांच के लिए खून के नमूनों का संग्रह किया। जांच रिर्पोट आने के बाद यह तय हो जायेगा कि इनमें से कोई छात्र-छात्रा पॉजटिब तो नहीं है। निगेटिब पाये जाने वाले विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों को यह हिदायत देते हुए सौंप दिया जायेगा कि उन्हें घर के पृथक कमरे में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दें। स्थानीय स्वास्थ्य टीम क्वारंटाइन किये गये प्रत्येक की जांच नित्य उनके घर जाकर करेगी। जनपद पहुंचे सभी छात्र-छात्राओं की मेडिकल रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इनको घरों में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा किसी की रिपोर्ट पाजिटिव आने पर उसे आइसोलेशन केंद्र भेजा जाएगा।
लॉक डाउन-2 घोषित होने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने गए छात्र-छात्राओं के परिजनों में परेशानी बढ़ गई थी। कोचिंग संचालकों के माध्यम से राजस्थान सरकार से संपर्क किया गया और फिर केंद्र सरकार तथा संबंधित प्रदेश सरकारों से बातचीत के बाद कोटा में फंसे छात्र छात्राओं को वापस लाने की योजना पर काम शुरू हुआ। प्रदेश से परिवहन विभाग की बसें राजस्थान के कोटा भेजी गई और सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराते हुए एक-एक बस से जनपद अंबेडकरनगर के एक छात्र समेत जिले के 25, दूसरी से 33 और तीसरी रोडवेज बस से 15 छात्र-छात्राओं को लाया गया। पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले से ही जीआईसी परिसर में तैयार थी। छात्र-छात्राओं के पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक-एक की थर्मल स्कैनिंग की ओर रैपिड टेस्ट किट से जांच के लिए सभी का खून का नमूना लिया। मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेश कुमार व मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ घनश्याम सिंह ने बताया कि जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया गया है। सभी 75 छात्र-छात्राओं की रैपिड डायग्नोस्टिक किट से जांच कराई जा रही है। जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आयेगी, उनको घरों में ही 14 दिन के लिए क्वांरटाइन किया जायेगा।