कटे होंठ व तालू के 80 बच्चों का कराया गया पंजीकरण
अयोध्या। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत स्माइल ट्रेन संस्था द्वारा जन्म से कटे होंठ एवं तालू वाले बच्चों का निःशुल्क उपचार हेतु जिला महिला अस्पताल में पंजीकरण शिविर लगाया गया द्य लखनऊ के सिप्स अस्पताल द्वारा लगाये गये इस शिविर में इलाज व ऑपरेशन हेतु 80 बच्चों को पंजीकरण किया गया जनपद ,जिसमे से शिविर में आये 38 बच्चे और जिनमें से 19 बच्चों को संस्था के ही बस से लखनऊ भेजा जा रहा है जहाँ उनके रहने खाने की व्यवस्था निःशुल्क की जायेगी द्य शेष बच्चों को भी जल्द ही भेजा जायेगा।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अर्बन डॉ0 ए के सिंह ने फीता काट कर शिविर का शुभारम्भ किया और इसके मुख्य उद्देश्य आरबीएसके कार्यक्रम के प्रति लोगो में जागरूकता फैलाना तथा गरीब बच्चों व परिजनों को उनके चेहरों पर नयी मुस्कान देना है। उन्होंने कहा कि शिविर में इलाज हेतु चयनित बच्चों का ऑपरेशन और सम्पूर्ण इलाज सिप्स अस्पताल लखनऊ में किया जायेगा। इस अस्पताल में अभी तक ऐसे लगभग बारह हजार मरीज़ो का सफल इलाज किया चुका है। यह इलाज पूर्णतः निःशुल्क होता है। चयनित मरीज़ो को इलाज हेतु जिले से संस्था की बस लखनऊ लेकर जाती है। बस उपलब्ध न हो पाने की दशा में मरीज और अभिभावक के आने-जाने का किराया भी संस्था की तरफ से दिया जाता है द्य उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट तमाम गरीब असहाय परिवार और बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है द्य उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से इस कार्यक्रम का लाभ लेने की अपील की।
डीईआईसी मैनेजर डॉ हम्माद ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 6 सप्ताह से 6 वर्ष के बच्चों का आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एवं 6 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों का स्कूलों में मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है द्य इसके अलावा प्रसव केन्द्रों पर प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा एवं अन्य जन्में बच्चों का गृह भ्रमण के दौरान आशा द्वारा परीक्षण किया जा रहा है द्यउन्होंने बताया कि बच्चों में कटे-फटे होंठ या तालू की जन्मजात दोषों का सुनियोजित एवं सम्पूर्ण उपचार हेतु राज्य स्तर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के मध्य दिनांक 31 मई 2018 को करार किया गया था द्य सिप्स अस्पताल प्लास्टिक सर्जन व स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर डा0 रितेष पुरवार और उनकी टीम द्वारा बताया गया कि कटे हुए होंठ वाले बच्चों का ऑपरेशन होने के समय उनकी उम्र कम से कम 4 से 6 महीने व वजन 5 किलोग्राम होनी चाहिए, वहीँ तालू की समस्या वाले बच्चों की उम्र 7 से 9 महीने व वजन 5 किलोग्राम होनी चाहिए।
डीईआईसी मैनेजर डॉ हम्माद ने बताया कि‘फोर डी’ आधार पर 38 रोगों से बचाव के लिए आरबीएसके टीम कर रही है कार्यराष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत आरबीएसके टीम द्वारा बच्चों के पांच डिफेक्टस पर कार्य किया जा रहा है , जन्म से शारीरिक दोष,पोषक तत्वों में कमी ,शारीरिक विकृति के कारण देर से विकास, ,किशोर स्वास्थ्य ,विकास में देरी इन पांच में आवस्थाओं में कुल 38 रोगों को शामिल किया गया है, जिसमे जन्म से होंठ का फटा होना, पैर का मुड़ा होना, अति कुपोषण, तालु का कटा होना, दिल की बीमारी, आँख की बीमारी गम्भीर रक्तअल्पता, किशोर एवं किशोरी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं अति कुपोषाण (सैम) जैसे रोग शामिल इन सब रोगों का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। इस मौके पर महिला चिकित्सक अधीक्षक डॉ एस के शुक्ला डा0 रितेष पुरवार प्रोजेक्ट अवेयरनेस असिस्टेंट मो0 आमीन खान मनोज श्रीवास्तव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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