Breaking News

कृषि विवि के पशुपालन महाविद्यालय की मान्यता रद्द किए जाने की संस्तुति

-वीसीआई ने छात्र- छात्राओं के नामांकन पर लगाई रोक

मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज परिसर स्थित पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के चलते पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन महाविद्यालय पर वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया की गाज गिर गई है। भारतीय पशु विज्ञान परिषद ने पशुपालन महाविद्यालय की मान्यता निरस्त किए जाने की संस्तुति प्रदान करते हुए वर्तमान सत्र में छात्र-छात्राओं की नामांकन पर रोक लगा दी है। वही वीसीआई का पत्र विश्वविद्यालय पहुंचते ही हड़कंप मच गया है। बताते चलें कि कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज परिसर में पशु चिकित्सा विज्ञानियों पशुपालन महाविद्यालय स्थित है।

कॉलेज में तैनात शिक्षकों एवं कर्मचारियों को विगत कई वर्षों से वेतन के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ता है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजेंद्र सिंह द्वारा इसी पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालय में तैनात एक दर्जन शिक्षकों को विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता से लेकर विभिन्न विभागों के जिम्मेदार प्रशासनिक पदों का दायित्व सौंप दिया गया है। जिसमें पशुपालन महाविद्यालय में तैनात शिक्षक डॉ नमिता जोशी को अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय और डॉ डी नियोगी को अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ सोनू जायसवाल को नाहेप परियोजना प्रभारी, डॉ सुशांत श्रीवास्तव को डिप्टी रजिस्टर, डॉ पी एस प्रमाणिक को रजिस्ट्रार, डॉ ए के गंगवार को मत्स्यकी महाविद्यालय का अधिष्ठाता, डॉ भूपेंद्र सिंह को लीगल सेल प्रभारी, डॉ जसवंत को कुलपति के निजी सचिव, डॉ मुकेश को विश्वविद्यालय के स्वागत प्रभारी, डॉ एस पी सिंह सहायक अधिष्ठाता छात्र कल्याण, डॉ नवीन कुमार को जेम पोर्टल के प्रभारी का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार पशुपालन महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ आर के जोशी सहित एक दर्जन शिक्षकों द्वारा कभी भी क्लास नहींं लिया जाता जिसके चलते महाविद्यालय का शैक्षणिक स्तर अत्यंत निम्न कोटि का हो गया है। विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार गेट नंबर 1 पर ताला बंद होने के चलते क्षेत्रवासी पशुपालक अपने बीमार जानवरों को चार पहिया वाहन से लेकर पशु चिकित्सा एवं शल्य अस्पताल तक नहीं ले जा पाते जिसके चलते अस्पताल पर पशु मरीजों की संख्या में भारी गिरावट आ गई। उपरोक्त सभी खामियों को दृष्टिगत रखते हुए वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया ने दुरुस्त किए जाने हेतु कई बार विश्वविद्यालय से पत्राचार भी किया था।

इसके बावजूद भी पशु चिकित्सा विज्ञानियों पशुपालन महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ आरके जोशी सहित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह के कान में जूं नहीं रेंगी। महाविद्यालय की समस्याओं को लेकर वेटरनरी काउंसिल आफ इंडिया की 110 वीं बैठक में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं का नामांकन रोके जाने का निर्णय लेते हुए महाविद्यालय की मान्यता रद्द किए जाने की संस्तुति सहित रिपोर्ट भारत सरकार के मंत्रालय को भेज दी है।

Leave your vote

इसे भी पढ़े  खंडासा रेप कांड : पीड़ित परिवार से मिला कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल

About Next Khabar Team

Check Also

बाइक सवार युवक को ट्रक ने रौंदा, दर्दनाक मौत

-ग्राम पाराताजपुर रमनी स्थित नेताजी ब्रिक फील्ड प्रीतम बाबू के भठ्ठे पास हुई दुर्घटना मिल्कीपुर-अयोध्या। …

close

Log In

Forgot password?

Forgot password?

Enter your account data and we will send you a link to reset your password.

Your password reset link appears to be invalid or expired.

Log in

Privacy Policy

Add to Collection

No Collections

Here you'll find all collections you've created before.