कहा- सिन्धी भाषा को जिन्दा रखना बड़ी चुनौती
अयोध्या। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सिन्धी भाषा के संरक्षण सम्वंर्धनं के लिए सिन्धी पठन व पाठन की कक्षाये चलाई जा रही है उक्त कक्षाये ‘‘राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद, दिल्ली’’ के तत्वाधान मे चलाई जा रही है सिन्धी कक्षाओं मे विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमो की पढाई कराई जा रही है जिसमें सारटीफिकेट, डिप्लोमा व एडवान्सड डिप्लोमा शामिल है। जनपद अयोध्या मे भारतीय सिन्धू सभा व्यवस्थापक संस्था के रूप काम करती है इस वर्ष सिन्धी विषय की पढाई 01 नवम्बर 31 जनवरी तक करायी गयी जिसमें 103 विद्यार्थीयों ने सिन्धी की पढ़ाई की जिनके लिए कुल 07 अध्यापको कपिल हासानी, विवेक अमलानी, रूपा मखेजा, अन्जली मखेजा, नीलम वरयानी, सुभम खत्री, व हर्षा हसानी को नियुक्त किया गया है जिन्होने कर्मठता से सिन्धी भाषा को मजबूत करने हेतु अपनी सहभागिता निभाई है। सफलता पूर्वक 100 घण्टो की पढ़ाई पूरी होने के उपलक्क्ष में वरिष्ठ समाज सेवी व भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता सुमित माखेजा ने बीती शाम एक बैठक को सम्बोधित किया व कहा कि सभी को अपने जीवन का एक उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए और उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य ही सिन्धी भाषा व संस्कृती को मजबूत करना है सिन्धी पढ़ने वाली मातृ शक्ति का उन्होने अभिनन्दन करते हुए कहा कि अगली पीढी तक सिन्धी भाषा को पहुचाने की जिम्मेदारी मातृ शक्ति पर ही निर्भर है। अपने प्रेरणा श्रोत भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय कार्य अध्यक्ष लध्धा राम नागवानी को बताते हुए श्री माखेजा ने कहा की सिन्धयत के लिए मजबूती से काम करने की प्रेरणा लध्धा राम जी से ही मिलती रही है जो निरन्तर पूरे देश में प्रवास कर सिन्धी भाषा के लिए कार्य करते रहते है, राष्ट्रीय बैठको में श्री नागवानी का वक्तव्य स्वंय मे एक उर्जा का श्रोत होता है और उसी उर्जा को धारण कर यह सब कुछ करना सम्भव हो पाता है। श्री माख्ेजा ने अपना दर्द बया करते हुए कहा कि समाज की विसंगतियो व विपरीत परिस्थितियो के चलते सिन्धी भाषा को जिन्दा रखना काफी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है, समृद्ध समाज होने के बावजूद किराये का स्थान लेकर सिन्धी भाषा की पढ़ाई कराना दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होने कहा कि सम्पूर्ण सिन्धी समाज को चाहिए की आपसी राजनीती से ऊपर उठ कर भाषा व संस्कृती के लिए एक जुट होकर काम करें। सिन्धी अध्यापक कपिल हासानी ने विद्यार्थीयो को 17 फरवरी को होने वाली परीक्षा के बारे जानकारी दी व पाठ्यक्रम से सम्बन्धित सभी का मार्ग दर्शन किया।