पांच लाख गांवों तक पहुंचाया जाएगा रामलला का पूजित अक्षत

by Next Khabar Team
A+A-
Reset

– रामानंद संप्रदाय के तहत होगी पूजन पद्धति, मंदिर निर्माण में 5 अगस्त 2020 से 31 मार्च 2023 तक 900 करोड़ रुपये खर्च

अयोध्या। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पहले पांच लाख गांव तक रामलला के पूजित अक्षत को पहुंचाया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट विहिप के 50 से अधिक केंद्रों से कार्यकर्ताओं को अक्षत वितरित किया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के पहले रामलला का अक्षत पूजन किया जाएगा और उस अक्षत को देश के 5 लाख गांव तक वितरित कर लोगों से अपील की जाएगी कि इस अक्षत के माध्यम से अपने घर और मंदिरों में ही रामलला का प्राण प्रतिष्ठा उत्सव मनाए और शाम को 5 दीपक जरूर जलाएं। वहीं रामलला के प्राण प्रतिष्ठा और उसके बाद पूजन अर्चन की व्यवस्था को लेकर एक धार्मिक समिति बनाई गई है। जिसमें ट्रस्ट अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी, महासचिव चंपतराय, उडुपी के पेजावर मठ के स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ के साथ अयोध्या की रामानंद संप्रदाय से जुड़े महंत कमल नयन दास मिथिलेश नंदनी शरण समेत कुछ संतों को शामिल किया गया है, जो रामानंद संप्रदाय के तहत पूजा पद्धति को तैयार करेंगे।

प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों को लेकर मणिरामदास छावनी में शुरू हुई बैठक के पहले दिन शनिवार को राम मंदिर ट्रस्ट ने 18 अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की। मंदिर निर्माण में खर्च धनराशि का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद आने वाले रामभक्त को रामलला की तस्वीर दी जाएगी। जिसके लिए प्राण प्रतिष्ठा के बाद फोटो सेशन का कार्य किया जाएगा। इसके बाद एक वर्ष के भीतर 10 करोड़ परिवारों तक रामलला की तस्वीर पहुंचाने का लक्ष्य है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन संपन्न होगा। दूसरा चरण दिसंबर 2024 तक और तीसरा चरण दिसंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा।

इसे भी पढ़े  शिक्षा के साथ उद्यमी बने युवा : रजनी तिवारी

उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में 5 अगस्त 2020 से 31 मार्च 2023 तक 900 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के दौरान मिले तीन हजार करोड़ की धनराशि का कम उपयोग किया गया है। रोजमर्रा के मिलने वाले दान से यह धनराशि खर्च की गई है। ज्यादातर धनराशि ट्रस्ट के अकाउंट में शेष है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर के इतिहास और 50 वर्षों के लीगल डॉक्यूमेंट को रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय की मांग प्रदेश सरकार से की थी, जिसे नौ अक्टूबर तक सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा और उसके बाद आने वाले रामभक्तों के विश्राम करने के लिए ट्रस्ट ने बिड़ला धर्मशाला के सामने ट्रांसपोर्ट विभाग की जमीन क्रय की है।

बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी, उडुपी की पेजावर पीठाधीश्वर विश्व तीर्थ प्रसन्नाचार्य, जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती, कामेश्वर चौपाल, विमलेंद्र मोहन मिश्रा, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास, डॉ. अनिल मिश्रा, पदेन सदस्य जिलाधिकारी अयोध्या नीतीश कुमार के साथ निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, विहिप के संरक्षक मंडल के सदस्य दिनेश चंद्र, महंत कमलनयन दास मौजूद रहे। इसके अलावा ट्रस्टी के. परासरन और स्वामी परमानंद महाराज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। ट्रस्ट की बैठक के पूर्व निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित हुई निर्माण समिति की बैठक मे निर्माण कार्यों की प्रगति और प्राण प्रतिष्ठा से पहले यात्री सुविधा केंद्र, जन्मभूमि पथ सहित अन्य कार्यों को दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में कार्यदायी संस्था एलएंडटी, टाटा कांस्टेंसी के अधिकारी शामिल रहे।

नेक्स्ट ख़बर

अयोध्या और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना स्रोत है। यह स्थानीय समाचारों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की प्रामाणिकता को बनाए रखते हुए उपयोगी जानकारी प्रदान करता है। यह वेबसाइट अपने आप में अयोध्या की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक डिजिटल दस्तावेज है।.

@2025- All Right Reserved.  Faizabad Media Center AYODHYA

Next Khabar is a Local news Portal from Ayodhya