आचार्यों के दल ने प्रारम्भ किया भूमि शुद्धीकरण अनुष्ठान
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अयोध्या। प्रभु रामलला को नए अस्थाई मंदिर में ले जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए धर्माचार्यों की टीम ने सोमवार सुबह से अनुष्ठान प्रारम्भ कर दिया है। अयोध्या राजघराने से नए घर में रामलला को विराजमान करने के लिए चांदी का सिंहासन भेंट किया गया है। रामलला को नए मंदिर में ले जाने के लिए दिल्ली से आए प्रमुख आचार्य डॉ. कृति कांत के नेतृत्व में दिल्ली, अयोध्या और काशी के 15 आचार्यों की टीम ने सोमवार सुबह से उदक शांति पूजा से अनुष्ठान की शुरुआत की। इसके एक दिन पहले रविवार की रात नौ बजे आचार्यों की टीम को श्री राम जन्मभूमि ले जाया गया, जहां उन्हें विराजमान रामलला और नए मंदिर निर्माण स्थल को दिखाया गया। इसके बाद आचार्यों ने सोमवार से होने वाली पूजा का खाका खींचा।
सोमवार सुबह आचार्य श्रीकांत व अन्य धर्माचार्य नदियों के पवित्र जल से भरे हुए कलश, पूजन सामग्री और फल-फूल आदि के साथ पीले वस्त्र धारण कर रामलला परिसर में दाखिल हुए। आचार्यों की टीम में विश्व हिंदू परिषद के संत संपर्क प्रमुख पंडित अशोक तिवारी और संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर जी भी शामिल हैं। यह दोनों वैदिक पूजा पद्धति के दक्ष माने जाते हैं। श्री रामजन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के रामलला को नए घर में विराजमान करने के लिए अयोध्या राजघराने से बड़ा सा चांदी का सिंहासन भेंट किया गया है। इस पर रामलला समेत चारों भाई विराजमान होंगे।
रामलला को विराजमान करने के लिए बनाए जा रहे अस्थाई मंदिर को सुरक्षा की दृष्टि से तैयार करने का काम गृहमंत्रालय की टीम कर रही है। इसकी भीतरी दीवार को बुलेटप्रूफ फाइबर और कांच से बनाया गया है। गृहमंत्रालय की टीम 24 मार्च की शाम तक अपना काम पूरा कर लेगी। आचार्य इंद्र देव मिश्र ने बताया कि 25 मार्च की सुबह 4ः30 बजे राम लला को विधि-विधान पूर्वक नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
अनुष्ठान के यजमान रामजन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी व अयोध्या नरेश विमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र के अलावा दूसरे ट्रस्टी व संघ के अवध प्रांत कार्यवाह डा. अनिल मिश्र बने हैं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला के लिए नए सिंहासन का निर्माण कराया गया है। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंगलवार को ब्रह्ममुहूर्त में रामलला को निर्धारित स्थान पर बने अस्थाई मंदिर के सिंहासन पर प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा। इसके साथ ही आम दर्शनार्थियों को दर्शन भी सुलभ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के गंभीर संक्रमण को ध्यान में रखते हुए भीड़ से बचने के लिए संत-महंतों व अन्य को आमन्त्रित नहीं किया गया है। बताया गया कि रामलला के प्रतिष्ठा उत्सव के उपरांत मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास नव संवत्सर का नौ दिवसीय अनुष्ठान आरम्भ करेंगे। नवरात्र के पहले दिन नवनिर्मित अस्थाई मंदिर में ही कलश स्थापना कर पूजन की जाएगी। पूजन के समय जिलाधिकारी अनुज कुमार झा व अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता भी मौजूद रहे।