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देवरहा बाबा की ओर से रामलला को लगेगा 44 कुंतल देशी घी के लड्डू का भोग

-अयोध्या धाम के मणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट में किया जा रहा निर्माण


अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में रामलला को शुद्ध देसी घी से बने लड्डुओं का भोग लगाए जाने की तैयारी चल रही है। देवरहा हंस बाबा विंध्याचल से प्राण प्रतिष्ठा के लिए भेजी गई चांदी की पांच थालियों में यह लड्डू परोसा जाएगा। इस प्रसाद को अभी से ही बनना शुरू कर दिया गया है और बना करके टिफिन में पैक भी किया जा रहा है। इसे अयोध्या धाम के मणिरामदास छावनी सेवा ट्रस्ट मे बनाया जा रहा है। वही देवराहा हँस बाबा के शिष्य रतनलाल अग्रवाल का कहना है कि यह शुद्ध देसी घी का बना हुआ लड्डू है जिसमें पानी की एक भी बूंद इस्तेमाल नहीं की गई है. यह 6 महीने तक खराब नहीं होगी।

प्राण प्रतिष्ठा के दिन देवराहा हँस बाबा विंध्याचल से भगवान राम लला को 5 चांदी की थाल में भोग लगाया जाएगा भोग लगने के बाद जो वीआईपी लोग आएंगे उनको या प्रसाद वितरित किया जाएगा. एक डिब्बे में 11 लड्डू रहेगा और जो राम भक्त आएंगे दर्शन करने के लिए उनको भी प्रसाद वितरित किया जाएगा, वह डिब्बे में पांच लड्डू होगा. देवराहा बाबा की प्रेरणा थी कि 1 हजार 111 मन लड्डू का भोग लगाना है. 44 कुंतल का लड्डू का भोग रामलला को लगेगा. भगवान राम लाल की सेवा करके हमको अपार खुशी महसूस हो रही है.. उन्होंने बताया कि सुबह 8 से रात्रि 11 बजे तक 40 से 50 कारीगर काम में लगे हुए हैं। लड्डू पैक करने का टारगेट 15,000 डिब्बे का है।

बंगाल से आ रही श्री राम पादुका यात्रा 15 को पहुंचेगी अयोध्या


अयोध्या। सनातन धर्म की अन्यतम स्तंभ अनंतश्री सीतारामदास ओंकारनाथ जीउ ने भारत के विभिन्न भागों में स्थित अपने 125 से अधिक आश्रमों में असंख्य राम मंदिरों की स्थापना की है। दीक्षा के समय उन्होंने शिष्यों से गुरुदक्षिणा के रूप में किसी धन की मांग नहीं की। उक्त बातें सीतारामदास ओंकारनाथ मिशन जयगुरु सम्प्रदाय के महासचिव प्रियनाथ चट्टोपाध्याय ने बताया। श्री चट्टोपाध्याय ने कहा कि गुरुदेव के प्रत्येक शिष्य को एक बही-खाते में चार लाख राम नाम लिखने और उन्हें सौंपने का निर्देश दिया। उनके आश्रमों में से 12 मंदिर इसी प्रकार लिखे गए एक सौ पच्चीस करोड़ रामनामों के आधार पर बनाया गया है।

श्री श्री ओंकारनाथ देव ने रामनाम भजन के माध्यम से भारत के लोगों को मुक्ति का मार्ग दिखाया। भगवान श्री श्री ओंकारनाथ देव को संत ने श्री राम अवतार रूप में अर्चन करते थे। श्री राम जन्मभूमि उद्धार के लिए श्री श्री ठाकुर ने अपनी प्रार्थना पर लिखित रूप से करोड़ो भक्त को आदेश दिया था रोज तीनबार श्री राम जी का पाश श्री राम जन्म भूमि उद्धार के लिए प्रार्थना करने के लिए। “ आपका जन्मभूमि उद्धार के लिए, आपके भक्तगण प्रार्थना कर रहा है। प्रभु आप इनका प्रार्थना शुनके इनका अभीष्ट पुरण करो।“ प्रियनाथ चट्टोपाध्याय ने बताया कि श्री गुरुदेव के समय से लेकर सौ वर्षों से भी अधिक समय तक उनके शिष्यों और भक्तों ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर को बचाने का जो सपना देखा था, वह आज सफल होने जा रहा है।

उस आनंद में, उस भाव में, ये नम्रता बहुत आगे बढ़ रही है अयोध्या की ओर। यह भावना कोई राजनीतिक भावना नहीं है. यह भाव भक्ति का भाव है। यह भाव सुन्दर रामनाम जप से मुक्ति का भाव है। मर्यादा पुरूषोत्तम श्री रामचन्द्र सभी भारतीयों के लिये अत्यंत अनुराग और भक्ति के विषय हैं। हम इस नाम के रथ में श्री रामचन्द्र की श्री पादुका लेकर चल रहे हैं। ये यात्रा 15 जनवरी तक अयोध्या पहुचेगा। जिस क्षेत्र से यह नम्रथ गुजर रहा है, उस क्षेत्र के श्रद्धालुओं को इस श्रीपादुका के दर्शन-पूजन का सौभाग्य मिल रहा है। आज इस क्षेत्र के नम्रथ का आगमन हुआ है और इस नम्रता को मनाने के लिए श्री गुरुदेव के शिष्य और सभी राम भक्त एकत्रित हुए हैं। इसलिए आज का दिन भावनात्मक आनंद का दिन है।

 

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