-प्राण प्रतिष्ठा के पहले राममय हुए काशी विश्वनाथ, सालासर बालाजी धाम, महाकालेश्वर उज्जैन जैसे पौराणिक मंदिरों के सोशल मीडिया हैंडल
अयोध्या। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे सिर्फ रामभक्तों में ही नहीं, बल्कि देश भर के पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में भी उत्सव की तैयारियां हो रही हैं। 22 जनवरी को इस उत्सव से पहले विभिन्न पौराणिक मंदिरों की ओर से भगवान राम का गुणगान करते हुए भक्तों से इस दिन दीपोत्सव, भजन-कीर्तन एवं श्रीराम साधना की अपील की गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी और पीएम मोदी भी इस आयोजन से पहले लोगों से अपने करीब के मंदिरों में साफ सफाई और राम संकीर्तन की अपील कर चुके हैं। साथ ही सभी से आग्रह किया गया है कि लोग अपने घरों में दीपोत्सव के माध्यम से राम ज्योति अवश्य प्रज्ज्वलित करें।
500 वर्षों के बाद आई वो घड़ी
सालासर बालाजी धाम मंदिर के एक्स हैंडल से पूरे देश को इस नई दीपावली की शुभकामनाएं दी गईं। हैंडल से किए गए पोस्ट में कहा गया है कि 500 वर्षों से जिस घड़ी का हम सब को इंतजार था वो आ गई है। अपने प्रभु के दर्शन हो गए हैं। प्रभु अपने सिंहासन पर विराजमान हो गए हैं। आज हर एक रामभगत ‘जय श्री राम’लिखकर प्रभु को समर्पित करे। इसी तरह, श्री महाकालेश्वर उज्जैन के एक्स हैंडल से श्रीरामलला की छवि को पोस्ट करते हुए उनके दर्शनों का वर्णन किया गया है। वहीं, केदारनाथ टेंपल श्राइन बोर्ड की ओर से प्राण प्रतिष्ठा किए जाने वाले श्रीरामलला के विग्रह की तस्वीर साझा करते हुए लिखा गया है मेरे राघव। एक अन्य पोस्ट में 500 वर्षों की प्रतीक्षा का जिक्र किया गया है तो एक पोस्ट में छवि साझा करते हुए कहा गया है प्रथम दर्शन बालस्वरूप भगवान।
धूमधाम से उत्सव मनाने की अपील
काशी विश्वनाथ मंदिर के ऑफिशियल हैंडल से सभी रामभक्तों को 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर के लिए बधाई दी गई है। साथ ही अपील की गई है कि सभी देशवासी इस उत्सव को धूमधाम से मनाएं। आस पड़ोस के मंदिरों में साफ सफाई कर भजन कीर्तन करने और सूर्यास्त के बाद सामूहिक रूप से दीपक जलाकर दीपोत्सव मनाने का आग्रह किया गया है। मंदिरों के अतिरिक्त मंदिरों से जुड़े विभिन्न हैंडल्स से भी उत्सव की अपील की गई है। 12 ज्योतिर्लिंग ऑफ महादेव के अकाउंट से श्रीरामलला के भव्य मंदिर की तस्वीर साझा की गई और लिखा गया कि श्रीरामलला के स्वागत हेतु श्रीरामजन्मभूमि फूलों से सुसज्जित हो रही है। वहीं, भगवत गीता की ओर से श्रीरामलला के विग्रह की छवि साझा करते हुए फॉलोअर्स से अपील की गई है कि क्या हम इस ऐतिहासिक छवि को लेकर जय श्री राम के 1008 कमेंट्स कर सकते हैं। इस पोस्ट को लाइक और रीशेयर करने का भी आग्रह किया गया है।
प्राण प्रतिष्ठा पर रामनगरी में होंगे समूचे भारत के दर्शन
– आखिरकार 22 जनवरी की वह तिथि आ ही गई, जिसका इंतजार 500 वर्षों से था। इस तिथि पर समूची रामनगरी को सजाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद ही सारी व्यवस्था की कमान संभाली और निरंतर निरीक्षण कर अभूतपूर्व आयोजन का निर्देश भी दिया। अब 22 जनवरी को रामनगरी में समूचे भारत के दर्शन होंगे। संस्कृति मंत्रालय के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के 200 कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी। इनमें यहां आंध्र प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, मेजबान उत्तर प्रदेश की झलक प्रस्तुत होगी। वहीं मालिनी अवस्थी- कन्हैया मित्तल सरीखे कलाकार भी सुरमयी सांझ सजाएंगे। राम की पैड़ी पर इको फ्रेंडली आतिशाबाजी व लेजर शो भी होगा।
राम की पैड़ी पर होगी लेजर शो व इको फ्रेंडली आतिशबाजी
22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत अनेक आयोजन होंगे। शाम छह बजे से श्रीराम भारती कला केंद्र की तरफ से रामकथा पार्क में रामलीला होगी। वहीं पर्यटन विभाग के तत्वावधान में शाम 6.30 बजे से सात बजे तक राम की पैड़ी पर सरयू आरती होगी। सात बजे तक यहीं प्रोजेक्शन शो का आयोजन किया गया है। शाम साढ़े सात से 7.45 तक राम की पैड़ी पर लेजर शो होगा। इसके पश्चात इको फ्रेंडली आतिशबाजी का नजारा प्रस्तुत किया जाएगा।
मालिनी अवस्थी, कन्हैया मित्तल के कार्यक्रमों से सुरमयी होगी सांझ
रामनगरी में प्राण-प्रतिष्ठा की सांझ पद्मश्री मालिनी अवस्थी तथा कन्हैया मित्तल सरीखे कलाकारों से सुरमयी होगी। तुलसी उद्यान पर रात्रि 8 से 9 बजे तक मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम होगा। इसी अवधि में कन्हैया मित्तल रामकथा पार्क में प्रस्तुति देंगे। तुलसी उद्यान में शाम सात से आठ बजे तक उज्जैन के शर्मा बंधु भजनों की सुर गंगा में डुबकी लगाएंगे। इसी अवधि में राम कथा पार्क नागपुर के वाटेकर सिस्टर्स की प्रस्तुति होगी। प्रतिदिन की भांति सुबह 10.30 से भजन संध्या स्थल पर देवकीनंदन ठाकुर की श्रीरामकथा होगी।
क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के 200 कलाकार देंगे प्रस्तुतियां
उप्र के विभिन्न अंचलों के लोकनृत्यों के कलाकारों के साथ ही संस्कृति मंत्रालय के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के 200 कलाकारों की तरफ से अयोध्या के 100 चिह्नित स्थलों पर सांस्कृतिक शोत्रायात्रा होगी। इसमें हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों के कलाकार भी हिस्सा लेंगे।