-150 पंडितों की टोली पूरा कराएगी अनुष्ठान, रामलला के विग्रह की 17 जनवरी को निकाली जाएगी शोभायात्रा
अयोध्या। राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का समय निश्चित हो गया है। 22 जनवरी 2024 की दोपहर 12.20 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों से विराजमान हो जाएंगे। इसके पहले राम जन्मभूमि परिसर में पीएम मोदी कुबेर टीले पर स्थापित की जा रही जटायु की मूर्ति का पूजन करेंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने बताया कि श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के विधि-विधान के लिए संत-महंतों की सहमति से चयन हुआ है। कांची पीठाधीश्वर शंकराचार्य जगतगुरु विजेंद्र सरस्वती महाराज की निगरानी में उनके मार्गदर्शन में काशी के प्रतिष्ठित वैदिक विद्वानाचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित और गणेश्वर शास्त्री के निगरानी में 150 पंडितों की टोली अनुष्ठान को पूरा कराएगी। उन्होंने बताया कि रामसेवकपुरम में निर्माण हो रहे रामलला के विग्रह की 17 जनवरी को शोभायात्रा निकाली जाएगी और 18 जनवरी को विधि विधान से अनुष्ठान प्रारम्भ होगा। जिसमें अनेक प्रकार के संकल्प हैं। जैसे जलधिवास है पुष्पाधिवास है न्यायधिवास है सहयाधिवास है। वह कार्यक्रम चलते रहेंगे। वैदिक विधान चलता रहेगा वैदिक और आग्रह मुक्त प्रकृति को लेकर के यह सारे विधान चलते रहेंगे।
उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त और मोछित नक्षत्र में 12ः20 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर हाथों विराजमान होंगे। कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात में यह निश्चित हुआ कि राम जन्मभूमि में आने से पहले जटायू की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। मानना है कि जटायू भगवान के कार्य के लिए स्वयं भगवती जानकी जी के रक्षा के लिए अपने जीवन को दाव पर लगा दिया। हमारी दृष्टि में वे उन कारसेवकों की प्रतीक है जिन्होंने अपने जीवन को भगवान के कार्य के लिए समपिर्त किया। उन सबके प्रतिनिधि के रूप में जटायु को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री मंदिर में पधारेंगे। वहां पर उनके हाथों भगवान का पूजन होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सर संघ चालक डॉ. मोहन भागवत भी वहां पर रहेंगे। जिसके बाद पीएम मोदी परिसर में उपस्थित संतों से मुलाकात कर संबोधन होगा।