– एंटी सोशल पर्सनालिटी बनती है जघन्य अपराध की बानगी : डॉ. आलोक मनदर्शन
अयोध्या। समाजघाती व्यक्तित्व विकार या एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसार्डर ( एएसपीडी), जैसा कि नाम से ही जाहिर है, ऐसे लोग समाज केलिये छुपे रुस्तम खतरा होते है।ये परपीड़क, आक्रामक, दुस्साहसी, निर्दयी और ग्लानिहीन अपराध करने से गुरेज नही करते। कुकृत्य इनका नशा होता है तथा रेप व जघन्य हत्या भी करने से गुरेज नही करते।इनके अभिभावकों के ऐसे व्यक्तित्व विकार से ग्रसित होने व बचपन क्रूरता व अभाव से ग्रसित होने की प्रबल संभावना होती है।
यह जानकारी डा आलोक मनदर्शन ने कोलकाता मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर जघन्य रेप व मर्डर घटना संदर्भित विज्ञप्ति में दी । डा मन दर्शन के अनुसार ज़्यादातर बलात्कार आवेगपूर्ण और अवसरवादी होते हैं और ऐसे लोगों द्वारा किए जाते हैं जो आवेगपूर्ण अपराध कर सकते हैं। ये सब ए एस पी डी ग्रुप में आतें हैँ। इन रेपिस्ट के प्रमुख तीन रूप होते है।
1. पावर रेपिस्ट
इन रेपिस्ट के लिए रेप उनकी शक्तिशाली या ताकतवर होने का प्रतीक होता है। पॉवर रेपिस्ट मौखिक धमकियों, ब्लैक मेलिंग व हथियार आदि का सहारा लेता है।
2. एंगर रेपिस्ट
ऐसे रेपिस्ट का उद्देश्य पीड़िता को अपमानित व चोट पहुँचाना होता है। ऐसे लोग सेक्स पीड़ित को अपवित्र और अपमानित करने व अपने गुस्से की अंतिम अभिव्यक्ति स्वरूप रेप पर अमादा होते हैँ।
3. सैडिस्ट या परपीड़क रेपिस्ट
ऐसे रेपिस्ट विक्टिम को जघन्य शारीरिक व मानसिक यातना देने मे यौन उत्तेजना महसूस करते हैँ। परपीड़ा होने के कारण ऐसे अपराधी को को पीड़िता का दर्द एक कामुक अनुभव लगता है तथा पीड़िता की जघन्य हत्या करके अंतिम संतुष्टि मिलती है।