-नहाए खाए के साथ शुरू होगी व्रत की प्रक्रिया, महापर्व के दृष्टिगत तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा प्रशासन
अयोध्या। दीपोत्सव की भव्यता के बाद अब अयोध्या नगरी छठ महापर्व की तैयारियों में जुट गई है। लोकआस्था के इस पर्व के दृष्टिगत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन और नगर निगम ने सभी प्रकार की तैयारियों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। 25 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस चार दिवसीय महापर्व को लेकर अयोध्या में उत्साहव उमंग का माहौल है।
घाटों पर सफाई, प्रकाश व्यवस्था और सजावट का काम जोर-शोर से चल रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए प्रशासन ने विशेष योजना तैयार की है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाएं, मेडिकल टीमें, एंबुलेंस और पुलिस बल की तैनाती शामिल है। अयोध्या धाम के अलावा गुप्तारघाट, गोसाईगंज, पूराबाजार व रुदौली में भी पर्व की धूम रहती है। ऐसे में, सभी प्रमुख क्षेत्रों में इस बार छठ पर्व को भव्य और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। नगर निगम द्वारा सरयू नदी के घाटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है।
घाटों को रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से सजाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक माहौल का अनुभव हो। साथ ही, स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए घाटों पर मेडिकल टीमें और एंबुलेंस तैनात की जाएंगी। पुलिस बल की मौजूदगी से कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाएगा। प्रशासन ने घाटों पर भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
‘नहाए-खाए’ के साथ होगी महापर्व की शुरुआत
25 अक्टूबर को‘नहाए-खाए’ के साथ छठ पर्व की शुरुआत होगी। इस दिन व्रती स्नान और पूजा-अर्चना के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करेंगे। अगले तीन दिनों में खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के अनुष्ठान होंगे। इस दौरान अयोध्या के घाटों पर हजारों श्रद्धालु सूर्य भगवान को अर्घ्य देंगे। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे घाटों की स्वच्छता बनाए रखें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। इस पर्व के दौरान अयोध्या की पवित्र सरयू नदी के तट श्रद्धा और रोशनी से जगमगाएंगे। छठ महापर्व न केवल धार्मिक उत्साह, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को और मजबूत करेगा।
सूर्य भगवान की उपासना का प्रतीक है पर्व
हनुमानगढ़ी के डॉ देवेशाचार्य जी महाराज के अनुसार, छठ महापर्व सूर्योपासना और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का अनूठा पर्व है। यह पर्व छठी मइया और सूर्य भगवान की उपासना का प्रतीक है, जो जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की कामना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह परिवार और समुदाय के बीच एकता को बढ़ावा देता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में ‘नहाए-खाए’, ‘खरना’, ‘संध्या अर्घ्य’ और ‘उषा अर्घ्य’ जैसे अनुष्ठान शामिल हैं, जो कठिन तप और संयम का प्रतीक हैं। डॉ देवेशाचार्य महाराज बताते हैं कि यह पर्व पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देता है, क्योंकि इसमें नदियों और जलाशयों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।“छठ पर्व वह सेतु है जो अयोध्या की भक्ति और मिथिला की परंपरा को जोड़ता है। यह पर्व माता सीता की आराधना और सूर्य देव की उपासना का अद्भुत संगम है, जिसमें अयोध्या और मिथिला दोनों की आत्मा बसती है।
नगर निगम ने की व्यापक व्यवस्थाएं
नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार ने बताया कि नगर निगम अयोध्या में होने वाले सभी कार्यक्रमों के दौरान व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करता रहा है। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव को सफल बनाने के बाद हमारी टीम अब छठ पूजा के भव्य आयोजन को पूर्ण कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पर्व के दौरान घाटों की सफाई व्यवस्था के साथ प्रकाश व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया है। जगह जगह मोबाइल टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था में लगाए गए पुलिस कर्मी
एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया सुरक्षा के मद्देनजर घाटों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। महिला पुलिस कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा, भीड़ को कंट्रोल करने के लिए भी व्यापक स्तर पर प्लान बनाया गया है।