-अवध विवि में इनोवेटिंग फॉर ए सस्टेनेबल फ्युचर विषय पर एक दिवसीय कांफ्रेस का आयोजन
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन के सभागार में पूर्वाह्न इंडस्ट्री स्टेट एकेडमिया इंटरफेस के अन्तर्गत इनोवेटिंग फॉर ए सस्टेनेबल फ्युचर विषय पर एक दिवसीय कांफ्रेस का आयोजन किया गया। इस कांफ्रेस के चीफ गेस्ट मनोज सिंह, एडीशनल चीफ सेक्रेटरी, ईएफ व सीसी डिपार्टमेंट गर्वमेंट ऑफ यूपी रहे। गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो. आदर्श पाल विग, चेयरमेन, पीपीसीबी, पंजाब व कांफ्रेंस की चेयर पर्सन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल रही।
कांफ्रेस में चीफ गेस्ट आईएएस मनोज सिंह ने इंडस्ट्री व एकेडमिया पर चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान में एकेडमिक और रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए इंडस्ट्री का सहयोग लेना होगा। इससे एकेडमिक में कदम आगे बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों द्वारा इंडस्ट्री पार्टनरशिप और इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी की संभावनाओं की उपेक्षा की जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप पेंटेंट और स्टार्ट-अप के लाभों से वंचित हो जाते है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री और एकेडमिक जगत को चुनौतियों से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण बनाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री व शिक्षण संस्थानों के सहयोग से व्यावहारिक विशेषज्ञता सीखने को मिलती है। इससे नवाचार, रोजगार का सृजन और उन्नत तकनीकी के विकास के साथ आर्थिक विकास में योगदान प्रदान कर सकते है।
इंडस्ट्री में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी परामर्शदाता के रूप में सहयोग करेंगेः कुलपति
कांफ्रेंस की चेयरपर्सन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने कहा कि विद्यार्थियों को इंडस्ट्री से जोड़ने के लिए कई एमओयू किए गए है। इनमें नवाचार को बढ़ावा मिल सके। इसके लिए विश्वविद्यालय सांइस विभाग प्रयासरत् है। इंडस्ट्री की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विद्यार्थियों में स्किल विकसित किया जायेगा और इंडस्ट्री के अनुरूप पाठ्यक्रम में शामिल भी किया जायेगा। जिससे विश्वविद्यालय के छात्रों को अपना कॅरियर बनाने में कोई समस्या का सामना न करना पडे़। कुलपति ने कहा कि इंडस्ट्री के क्षेत्रों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को परामर्शदाता के रूप शामिल किया जायेगा।
कांफ्रेंस में गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो. आदर्श पाल विग ने कहा कि इंडस्ट्री को जॉब क्रियेटर बनना होगा। इसके अतिरिक्त पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इंडस्ट्री के लिए गाइडलाइन बनी है। फिर भी इसके लिए सेल्फ रेगुलेशन से काफी हद तक पर्यापरण को सुरक्षित कर सकते है। प्लास्टिक से दूरी बनाने के लिए स्वयं से ही समाधान तलाशना होगा। निश्चित ही इसके सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे। इस कांफ्रेंस को पंजाब पल्यूशन बोर्ड के नवतेश सिंगला, रिजनल ऑफिसर अयोध्या आशीष अग्रवाल व इंडस्ट्री रिप्रजेंटिव संजीव गोयल ने भी संबोधित किया।
इस कांफ्रेंस में आईक्यूएसी के समन्वयक डॉ. पीके द्विवेदी ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। वहीं पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद चैधरी ने विभाग की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन प्रो. जसंवत सिंह ने किया। अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन प्रो. सिद्धार्थ शुक्ल ने किया। इस अवसर कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, मुख्य नियंता प्रो. एसएस मिश्र, पंजाब पल्यूशन बोर्ड के लवनीत कुमार, इंडस्ट्री रिप्रजेंटिव गौतम घोष, डॉ. सुरेन्द्र मिश्र, डॉ. महिमा चैधरी, डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी, इंजीनियर अनुराग सिंह, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, डॉ. साजिया सहित बड़ी संख्या में शिक्षक व इंडस्ट्री रिप्रजेंटेटिव मौजूद रहे।