25 साल बाद सियासी मंच पर माया-मुलायम दिखे एक साथ
ब्यूरो। 25 साल बाद मैनपुरी के सियासी मंच पर सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती एक मंच पर नजर आए। दोनों नेताओं ने एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। मंच से बसपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि मुलायम सिंह ने सभी वर्गों को जोड़ा है। वो नरेंद्र मोदी की तरह नकली और फर्जी पिछडे वर्ग के नहीं है। उन्होंने मुलायम सिंह के लिए जनता से वोट की अपील करते हुए कहा कि आप लोग साइकिल के निशान को भूलें नहीं। इस बार मुलायम सिंह यादव को भारी मतों से जिताएं।
रैली में करीब 70 हजार की भीड़ को संबोधित करने से उत्साहित मायावती ने कहा कि आपके जोश से ऐसा लग रहा है कि आप सपा संरक्षक को रिकॉर्डतोड़ वोटों से जीत दिलाएंगे। इसके बाद 2 जून 1995 को हुए गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए बोलीं कि आप इसके बारे में जानना चाहते हैं, लेकिन मैं समय बर्बाद न करते हुए इतना कहूंगी कि देशहित में हमें ऐसे कठिन फैसले लेने पड़ते हैं। इसीलिए ये गठबंधन भी बना है।
मायावती ने प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात के चुनावों में अगड़े होने का लाभ लिया था, लेकिन पिछड़ों के लिए लाखों नौकरी के पद खाली हैं, जिन पर अभी तक भर्ती नहीं की गई। उनमें काफी बेरोजगारी है। इस चुनाव में असली-नकली पिछड़ों की पहचान करना और सावधानी बरतना जरूरी है। अब धोखा खाने की जरूरत नहीं। मेरठ की रैली में मोदी ने हमारे गठबंधन के बारे में अनाप-शनाप बोला था, उन्हें पूरे जोरशोर से जवाब देना है। भाजपा आरएसएसवादी और नाटकबाजी, जुमलेबाजी करने वाली पार्टी है। अब उनकी नई चैकीदारी की नाटकबाजी बचा नहीं पाएगी। चाहे कितने ही छोटे-बड़े चैकीदार ताकत क्यों न लगा लें।
2014 के चुनाव में भाजपा और मोदी ने कहा था कि 100 दिन में काला धन लाकर परिवार के हर व्यक्ति को 15-20 लाख रुपये दिए जाएंगे। ऐसा हुआ क्या। इसलिए ऐसे प्रलोभनों के बहकावे में न आएं और सबक सिखाएं। दो चरण के चुनाव में भाजपा की हवा खराब हो गई है। आगे के चरणों में उसमें इनकी हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी। उन्होंने अंत में अखिलेश को मुलायम का एकमात्र उत्तराधिकारी बताते हुए कहा कि वे पूरी निष्ठा से उनकी विरासत को संभाले हुए हैं।