अवध विवि में दम तोड रहे नाटक को पुर्नजीवित करने का होगा प्रयास
अयोध्या। “तुलसी“ को जानना हो तो 9 दिसंबर को डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में जरूर आएं. हिंदुस्तान ही नहीं पूरे दुनिया में थिएटर का जाना माना नाम हैं शेखर सेन..पद्मश्री शेखर सेन भारतीय संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष भी हैं.. शेखर सेन तुलसी, कबीर, विवेकानंद, साहेब पर अपनी एकल प्रस्तुति से 1000 से ज्यादा थिएटर कर चुके हैं। भारत में नाट्क शास्त्र की रचना भरतमुनि ने आज के 1600 वर्ष पहले की थी लेकिन यह दुर्भाग्य है कि हिंदुस्तान में थिएटर दम तोड़ रहा है और लोग थिएटर जाते भी हैं तो मुफ्त में देखना चाहते हैं जबकि विदेशों में कतार लगाकर लोग टिकट खरीदते हैं.
लंदन के 40 देशों में अनवरत नाटक मंचित होता रहता है स्पेन में 300 साल से प्राइमरी स्तर पर थिएटर के संबंध में पढ़ाया जाता है. 9 दिसंबर को शेखर सेन डॉक्टर राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय पुरातन छात्र सभा के कार्यक्रम में आ रहे हैं.नगरी अयोध्या है तो शेखर सेन ने नाट्य प्रस्तुति के लिए तुलसीदास को ही चुना है. तुलसी आधारित इस नाट्य प्रस्तुति में शेखर एकल प्रस्तुति से बताएंगे कि किस तरह तुलसीदास ने रामचरित मानस की रचना की और राम के शरणागत हुए।