रूदौली। हिन्दू धर्म में प्रत्येक वर्ष पड़ने वाले दोनों चैत्र और शारदीय नवरात्रि का बड़ा ही महत्व है ।लगभग हर घर में इस पवित्र और पावन महीने में मॉ भगवती का पूजन अर्चन और आराधना की जाती है । चैत्र माह में पड़ने इस वाला नवरात्रि को बासंतिक नवरात्रि भी कहा जाता है।शनिवार से शुरू हुआ बासंतिक नवरात्र पूरे देश में अलग अलग विधाओं और अलग-अलग परंपराओं के अनुसार मनाया जा रहा है ।नवरात्रि के समय देवी मन्दिरो सिद्ध पीठो में बड़ी भीड़ देखने को मिलती है यह माँ दुर्गा के प्रति लोगो का समर्पण और विस्वास ही है। जनपद के मवई ब्लाक क्के सुनबा गाँव में गोमती तट पर घने जंगलों में विराजमान मां कामाख्या देवी मंदिर में शनिवार को भारी भक्तों की भीड़ देखने को मिली ।जहाँ भारी संख्या में नवरात्रि के प्रथम दिन श्रद्धालुओ ने बड़ी श्रद्धा के साथ देवी मां का दर्शन और पूजन किया ।जंगलों के बीच स्थित इस प्राचीन देवस्थान के बारे में तमाम किवदंतियां हैं और देवी मां के चमत्कारों की कहानियां है।इसी कारणवश प्राचीन मंदिर पर भक्त श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो रही है।शहरी आबादी से काफी दूर निर्जन स्थान पर यह प्राचीन देवस्थान स्थित है। जनपद मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर जंगलों के बीचोबीच मां कामाख्या भवानी का यह मंदिर क्षेत्रीय नहीं बल्कि फैजाबाद के आस पास के जनपद अमेठी सुल्तानपुर गोंडा बस्ती बाराबंकी बलरामपुर अंबेडकरनगर सहित अन्य जनपदों के भक्तों के लिए भी आस्था का केंद्र है।पौराणिक मान्यता के अनुसार मां कामाख्या भवानी का इतना पुण्य प्रताप है जंगल में रहने वाले जीव जंतु भी उनके दर्शनों के लिए इस मंदिर में आते हैं।सिद्ध पीठ कामाख्या धाम का जिक्र दुर्गा सप्त सती के प्रथम अध्याय में वर्णित राजा सुरथ और वैश्य सुरभि का तपस्या स्थल भी है ।जहाँ तपस्या के बाद माता जी प्रसन्न होकर दर्शन दिया था ।तभी से यहां पर माँ काली माता सरस्वती ,और माता लक्ष्मी पिंडी के रूप में विराज मान है ।मंदिर के पुजारी बृज किशोर मिश्र ने बताया की भक्तो का सैलाब ही इस बात का प्रमाण है कि माता जी के दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूरी होती है ।
शैलपुत्री के पूजन के बाद समाजसेवी ने शुरू किया भंडारा
रुदौली के मंदिरों में शंख और घंटा-घड़ियालों की ध्वनियों व माता जी जय कारो के बीच पवित्र नवरात्रि की शुरुवात हुई। भोर से ही रुदौली तहसील के सिद्ध पीठ कामाख्या भवानी मन्दिर में भक्तों का तांता लगना शुरु हो गया ।लगभग पांच बजे शुरू हुई आरती में हजारो की संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर पूण्य के भागी बने ।आरती में जिले प्रतिष्ठित समाजसेवी विनोद सिंह भी शामिल होकर आदि शक्ति माँ भगवती का पूजन अर्चन किया ।समाजसेवी श्री सिंह की ओर से प्रत्येक वर्ष पड़ने वाले दोनों नवरात्रि में मेला परिसर में श्रद्धालुओ के लिए भण्डारे का आयोजन किया जाता है।शनिवार की सुबह श्री सिंह द्वारा प्रथम नवरात्रि के दिन माँ शैलपुत्री के पूजन अर्चन के बाद जलपान कराकर भण्डारे की शुरुवात की गई ।श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण के दौरान समाजसेवी ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने की अपील करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में हरहाल में मतदान करने की अपील की ।
सुरक्षा व्यवस्था दिखी चाक चैबंद
जंगलो के बीच स्थित माँ कामाख्या मंदिर में भोर से भक्तों का तांता लगने लगता है।परिसर में मेला व विभिन्न आयोजन होने के चलते यहाँ पूरी नवरात्रि भारी भीड़ इकट्ठा रहती है।जिसकी सुरक्षा को लेकर यहाँ हर वर्ष भारी फोर्स लगाईं जाती थी। इस बार भी यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था चाक चैबंद के साथ मुस्तैद दिखी।जिसमे मेला परिसर के मुख्य द्वार पर एक दरोगा व चार सिपाहियों के साथ मुस्तैद रहे ।जबकि अंदर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा प्रथम दिन पुलिस क्षेत्राधिकारी डा धर्मेंद्र यादव ने मेला परिसर में घूम घूम कर लिया और मातहतो को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।