-साधु-संत व भक्तों ने गाए भजन गए, भगवान राम समेत 30 देवी-देवताओं की निकली झांकियां
अयोध्या। भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा की पूर्व संध्या पर शनिवार को अयोध्या धाम में विक्रमादित्य महोत्सव न्यास द्वारा आयोजित रामकोट परिक्रमा में साधु-संत समेत हजारों लोगों ने रामकोट की परिक्रमा की। दोपहर 3 बजे गजेंद्र मंदिर में पूजा हुई। उसके बाद परिक्रमा की शुरुआत हुई। साधु- संत और भक्त गाजे बाजे के साथ जय श्री राम का उद्घोष करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने भगवा वस्त्र धारण कर रखा था। हाथों में ध्वज, शरीर पर रामनामी और भगवा झंडा था।
उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि और उसके चारो ओर के क्षेत्र जिसे रामकोट कहा जाता है। उसके चक्कर लगाए। परिक्रमा हनुमानगढ़ी के निशान की छत्र छाया में हुई। इसमें देवताओं, ऋषियों की करीब 30 झांकियां शामिल रही। परिक्रमा मार्ग को पताकाओं और तोरणद्वार से सजाया गया था। दोपहर तीन बजे से गजेंद्र मंदिर से झांकियां निकलना शुरू हुआ। सबसे आगे भगवान राम की झांकी रखी गई है। उसके बाद भारत माता, जगद्घ्गुरु रामानन्दाचार्य, रामानुजाचार्य, सन्त तुलसीदास, महर्षि वाल्मीकि, गुरु नानकदेव, सन्त झूलेलाल और दयानंद सरस्वती की झांकी को स्थान दिया गया है।
इसके अलावा सन्त रविदास, सन्त गाडगे, गुहराज निषाद, विश्वकर्मा जी, महाराजा सुहेलदेव की झांकी भी इसमें शामिल है। परिक्रमा डाकखाना तिराहा, रामपथ, टेढ़ी बाजार, गोकुल भवन, अशर्फी भवन के रास्ते से होकर गजेंद्र परिसर में पहुंचकर पूरी होगी।
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्रा ने कहा कि हम हिंदी नव वर्ष का स्वागत करते हैं। महापौर और अयोध्या के लोगों को आयोजन के लिए बधाई देना चाहते हैं। यहां पर सुरक्षा को लेकर के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल शोभा यात्रा में लगाए गए हैं। सड़कों पर गर्मी से बचने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है। परिक्रमा में स्वामी नारायण मंदिर, मखौड़ा मन्दिर, आस्तीकन आश्रम, श्रृंगी ऋषि आश्रम और कामाख्या धाम मन्दिर की तस्वीर वाली झांकी को भी परिक्रमा में शामिल की गई है। इस आयोजन में केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति, गायत्री परिवार और ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय आदि संस्थाएं भी मदद कर रही है।