-कृषि विवि में दो दिवसीय राष्ट्रीय पुरातन छात्र संगठन के वार्षिक सम्मेलन का हुआ शुभारंभ
कुमारगंज। पुरातन छात्रों ने विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में मदद किया है जिससे विश्वविद्यालय ने दिन प्रतिदिन एक नया मुकाम हासिल किया है। पुरातन छात्र किसी भी विश्वविद्यालय व संस्थान की वास्तविक पूंजी होते हैं। पुरातन छात्रों द्वारा एकत्रित पैसे से गरीब छात्र-छात्राओं की मदद की जायेगी। आज हम एक परिवार की तरह एकत्रित हुए हैं जो आप लोगों की सफलता एवं एक दूसरे के विश्वावस को प्रदर्शित करता है। यह बातें कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट में आयोजित छात्र पुरातन संगठन के दो दिवसीय राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पूंजी उसके पुरातन छात्र होते हैं जो समाज में संस्थान शुरुआत से लेकर ही प्रगति, समग्र विकास तथा उत्थान प्रयासों के उदाहरण होते हैं।
पुरातन छात्र संगठन के अध्यक्ष अंबरीष सिंह ने कहा कि पुरातन छात्र विश्वविद्यालय की तरक्की में हर संभव सहयोग के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा कि पुरातन छात्रों को जब भी बुलाया जाएगा वे मौके पर मौजूद रहेंगे। उन्होंने पुराने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि सभी मिलकर एल्यूमीनाई फंड में अपना सहयोग प्रदान करें जिससे की दूसरों की मदद किया जा सके। अंबरीष सिंह ने अपने स्कूली दिनों के अनुभवों को भी सबके साथ साझा करते हुए कहा कि इससे अपने साथ-साथ दूसरों का भी आत्मविश्वास बढ़ता है। पुरातन छात्र किसी भी संस्थान की रीढ़ होते हैं जो उस संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करते हैं। इससे पूर्व सभी अतिथियों ने नरेंद्र उद्यान में आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, उसके बाद जल भरो कार्यक्रम प्रस्तुत कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
सम्मेलन में पहुंचे सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न एवं शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। वर्षिक सम्मेलन का आयोजन कृषि महा विद्यालय की अधिष्ठाता डा. प्रतिभा सिंह के संयोजन में किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन डा. सीताराम मिश्रा व अंत में धन्यवाद ज्ञापन संगठन के महासचिव डा. आलोक सिंह ने किया। इस मौके पर फस्ट बैच से दिलीप कुमार, राम अवध, सेकेंड बैच से डा. विवेक सिंह, डा. सुधांशु सिंह ईरी डायरेक्टर, डा. ललित मिश्रा आईएएस, अरविंद सिंह, के.पी वर्मा सहित 380 पुरातन छात्र इस राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए।