–पुष्टाआहार वितरण कार्यक्रम भविष्य मे भी निरंतर किए जाने का रहेगा प्रयास : डॉ. बिजेंद्र सिंह
अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में टीबी रोग के मरीजों को पोषक आहार का वितरण माह जनवरी वर्ष 2021 से निरन्तर प्रत्येक 15 दिन के अंतराल पर किया जा रहा था,माह अप्रैल एवं मई में कोविड-19 महामारी एवं लाकडाउन के कारण पौष्टिक आहार वितरण कार्यक्रम बंद करना पड़ा था , पुनः विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह द्वारा दिए गए निर्देश पर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता के सुझाव पर खाध्य विज्ञान एवं पोषण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ साधना सिंह ,डॉ स्वाति शुक्ला,सुधीर सिंह आदि के नेतृत्व में स्वास्थ्य केन्द्र खंडासा पर कैंप आयोजित कर 20 क्षय रोगियों को पौष्टिक आहार का वितरण किया गया।
सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा रोग से संबंधित जानकारी, उपचार एवं रोगियों को पोषक तत्व उपलब्ध कराया गया। अपने उद्बोधन में वैज्ञानिकों ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार विश्व में 2 अरब से ज्यादा लोगों को लेटेंट ( सुप्त) टी बी संक्रमण है । सक्रिय टीबी की बात की जाए तो इस अवस्था में टीबी का जीवाणु शरीर में सक्रिय अवस्था में रहता है तथा यह स्थित व्यक्ति को बीमार बनाती है। सक्रिय टीबी का मरीज दूसरे स्वस्थ व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है। इसके लिए सक्रिय टीबी के मरीजों को चाहिए कि अपने मुंह पर मास्क या कपड़ा लगाकर बात करें और मुंह पर हाथ रखकर खासना और छींकना चाहिए।
कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने इस कार्यक्रम को भविष्य में विश्वविद्यालय के सहयोग से निरंतर चलाए रखने का प्रयास किया जाएगा । क्योंकि क्षय रोग की तेजी से पैर पसारने की मुख्य वजह गरीबी व जागरूकता की कमी है । गरीबी की वजह से लोग पोषक तत्वों से युक्त भोजन नहीं कर पाते, इससे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती हैं, इसके अलावा नशे का आदी हो जाने के कारण प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, और क्षयरोग के शिकार हो जाते हैं ।ऐसे में छय रोग के मरीजों को पोषक तत्वों के सेवन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस अवसर पर वैज्ञानिकों द्वारा रोगियों को स्वास्थ्य संबंधित जानकारी, संतुलित आहार के साथ-साथ भोजन में ऊर्जा व प्रोटीन युक्त पदार्थों को अधिक मात्रा में सेवन करने की सलाह दी गई। तथा बताया कि इस रोग में अधिकांशतः भूख समाप्त हो जाती है , अतः उन्हें हर 2 घंटे के अंतराल पर खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए । क्षय रोगियों को घर का बना पौष्टिक आहार जैसे पनीर ,अंडा ,मिश्रित दलिया, दालें , मूंगफली की बर्फी/ लड्डू, बेसन के लशड्डू, चिक्की, केला आंवला, पपीता, सहजन ,आम , हरी व मौसमी सब्जियों का सेवन अधिक से अधिक मात्रा में करना चाहिए।