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बालश्रम कानून को और सख्त बनाये जाने की जरूरतः डॉ. अजय कुमार

-अवध विवि में मनाया गया विश्व बालश्रम निषेध दिवस

अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र तथा महिला शिकायत एवं कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा मिशन शक्ति अभियान के तहत शनिवार को विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता का0सु0 साकेत पीजी कालेज, अयोध्या विधि विभाग के डॉ0 अजय कुमार सिंह ने कहा कि बाल मजदूरी बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अच्छे जीवन से वंचित कर रही है। इससे उनके व्यक्तिव और बौद्धिक विकास में रुकावट आ रही है।

आज इस बात कि आवश्यकता है कि बालश्रम से बच्चों को हटा कर बेहतर भविष्य दिया जाये। उन्होंने विश्व बालश्रम निषेध दिवस विषय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गरीबी, जनसंख्या विस्फोट, सस्ता श्रम, उपलब्ध कानूनों का प्रभावी न होना, माता-पिता द्वारा बच्चो को स्कूल भेजने से रोकना बालश्रम के कारक हैं। डॉ0 अजय ने सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि बालश्रम के विरुद्ध फैक्टरी कानून 1948, बालश्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986, 2016 के कानूनों में बदलाव के साथ सख्त बनाये जाने की वकालत की।

उन्होंने बताया कि बालश्रम हमारे देश व समाज के लिए एक बहुत ही गम्भीर विषय है। इसे प्रभावी रोक लगाने के लिए हम सभी को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी होगी जो देश एवं समाज के लिए एक चुनौती बन गई है। आगे उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी को कुछ लोगों द्वारा एक व्यापार बना लिया है। जिसके कारण हमारे देश में बालश्रम बढ़ता जा रहा है। इससे बच्चों का बचपन खराब होने के साथ भविष्य भी खराब हो रहा हे। जिससे देश में गरीबी फैल रही हैं एवं देश के विकास में बाधाएं आ रही हैं।
वेबिनार की अध्यक्षता कर रही महिला अध्ययन केंद्र तथा महिला शिकायत कल्याण प्रकोष्ठ की समन्वयक प्रो0 तुहीना वर्मा ने सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके दिशा-निर्देशन में वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बालश्रम विश्व के लिए एक गम्भीर सामाजिक समस्या बन चुकी है। इससे बच्चों के सुखमय भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है। इसके रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व के बाल श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सरकारी नियोक्ताओं, श्रमिक संगठनों, दुनिया भर के करोड़ों लोगों को एक साथ लाने के लिए विश्व बालश्रम विरोधी दिवस का आयोजन किया जाता है।

अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के मुताबिक विश्व में 21 करोड़ से अधिक और हमारे देश में एक करोड़ से अधिक बाल श्रमिक हैं। ऐसे आयोजनों से बालश्रम की समस्या में कमी आएगी और ऐसे बच्चों को पढ़ने लिखने और समाज में उन्नति और विकास के लिए उचित अवसर प्राप्त होंगे। कार्यक्रम की शुरूआत विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति से की गई। कार्यक्रम का संचालन सेल की सदस्य डॉ0 सरिता द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव उमानाथ, सह-समन्वयक डॉ0 सिंधु सिंह, डॉ0 महिमा चौरसिया, डॉ0 प्रतिभा त्रिपाठी, इं निधि अस्थाना, श्रीमती नीलम मिश्रा सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं प्रतिभागी ऑनलाइन जुड़े रहे।

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