जीत के लिए हर पल एक नयी रणनीति के तहत खेलना दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना
अयोध्या। जनपद के डाभासेमर स्थित अंतराष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप पुरुष में नाकआउट आधार पर हुई प्रतियोगिताओं के दौरान खिलाड़ियों की फुर्ती, टीम भावना तथा जीत के लिए हर पल एक नयी रणनीति के तहत खेलना दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बना। प्रतियोगिता के आयोजक सांसद लल्लू सिंह व उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह, सचिव राजेश कुमार लगातार टूनामेंट को लेकर आयोजन समिति के सदस्यों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे।
सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि कबड्डी गांवों में खेले जाने वाले पारपम्पिरिक खेलों में एक है। यह खेल खिलाड़ियों के बीच में खेल भावना का विकास करता है। जिससे समाज में एकता आती है। कोविड-19 के कारण अयोध्या में होने वाला यह विराट आयोजन दर्शकों के बिना करना पड़ रहा है। परन्तु चैनलों व सोशल साईट के विभिन्न हैण्डलस पर खेलप्रेमी इसको देख सकते है। उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि कबड्डी में खिलाड़ियों के द्वारा प्रस्तुत दांवपेच दर्शकों में रोमांच पैदा करते है। गांवों इस खेल को लेकर काफी प्रतिभाएं मौजूद है। अयोध्या में राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप के आयोजन से उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का रुझान इस खेल की ओर बढ़ेगा। इससे यहां के खिलाड़ी देश विदेश में अपना तथा अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकेंगे।
प्रतियोगिता में सर्विसेज ने आंध्रा की टीम को 63-25 से, राजस्थान ने हिमांचल प्रदेश को 34-31 से, चंडीगढ़ ने तेलंगाना को 55-38 से, हरियाणा ने गोवा को 50-24 से, बिहार ने पाण्डचेरी को 43-33 से, कर्नाटक ने तमिलनाडु को 35-32 से, महाराष्ट्र ने मनीपुर को 49-30 से, केरला ने झारखण्ड को 38-27 से, देहली ने आंध्रा को 65-34 से, पंजाब ने विदर्भ को 45-23 से, मध्यप्रदेश ने त्रिपुरा को 45-11 से, छत्तीसगढ़ ने जम्मूकश्मीर को 35-18 से, पश्चिम बंगाल ने ओड़िसा को 31-12 से शिकस्त दी। इस अवसर पर आयोजन समिति के उपाध्यक्ष धनंजय वर्मा, नीरज कन्नौजिया, संजय शर्मा, सुशील जायसवाल, ब्रिजेन्द्र जायसवाल, संग्राम सिन्हा, सचिव अनूप दूबे, सुरेश सिंह, मनोज श्रीवास्तव, मनमोहन जायसवाल, तेजेन्दर पाल, दुर्गेश पाण्डेय, अनुराग बैश्य, बाबूराम यादव, दिवाकर सिंह, राजेश सिंह, पिंटू माझी मौजूद रहे।
नये खिलाड़ियों को बेहतर व आधुनिक बनने का मिला अवसर
अयोध्या। इंडियन रेलवे के कोच व अर्जुन पुरस्कार विजेता उत्तर प्रदेश निवासी संजीव कुमार बलियान का कहना है कि उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह व सचिव राजेश कुमार के बनने से यूपी में कबड्डी के प्रति रुचि रखने वाले नये खिलाड़ियों को बेहतर व आधुनिक बनने का अवसर मिला है। संघ लगातार खिलाड़ियों में प्रतिभा विकसित करने का काम कर रहा है। इन्हीं के प्रयासों का असर है कि आज उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ है। यह निश्चय ही युवाओं को प्रेरणा देने का काम करेगा। राजेश कुमार खुद कबड्डी के खिलाड़ी रहे है व विकास सिंह का प्रबन्धतंत्र काफी अच्छा है। उत्तर प्रदेश में इनके प्रयासों को कबड्डी को काफी बढ़ावा मिलेगा। उत्तर प्रदेश में 40 वर्ष बाद इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। उन्होने बताया कि पहले कबड्डी गांवों में मिट्टी पर खेली जाती थी। अब मैट पर हो रही है। अब कबड्डी से पहले रणनीति बनाने में वीडियों फुटेज के साथ सभी आधुनिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके उपर गहनता से विचार भी किया जाता है।
आज कबड्डी आधुनिक व प्रोफेसनल रुप से काफी र्स्टांग हो गयी है। नये खिलाड़ियों को अपनी डायट, प्रेक्टिस व आराम पर खास ध्यान देना होगा। रेलवे टीम के कप्तान व प्रो कबड्डी लीग में बेहतर प्रदर्शन से दर्शकों में रोमांच पैदा करने वाले पवन शेखावत ने बताया कि प्रो कबड्डी लीग व एकेएफआई फेडरेशन से कबड्डी का काफी विकास हुआ है। अगर खिलाड़ी अनुशासन में रहे और अपने कोच की हर बात माने तो वह काफी आगे जा सकता है। गुजरात की टीम के कोच मनप्रीत सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के द्वारा अयोध्या में राष्ट्रीय कबड्डी चैम्पियनशिप का आयोजन एक ऐतिहासिक पल है। इस तरह के आयोजन होने से देश के रुलर एरिया में मौजूद लोगो का रुझान कबड्डी की ओर बढ़ेगा। जिससे देश को इस क्षेत्र में नयी प्रतिभाएं मिलेंगी। एकलब्य एवार्ड विजेता नील गुलिया का कहना है कि आज कबड्डी की ओर युवाओं का रुझान बढ़ गया है।
प्रो कबड्डी लीग से खिलाड़ियों का आर्थिक पक्ष की काफी मजबूत हुआ है। उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि आज कबड्डी खेल की ओर खिलाड़ियों का रुझान काफी तेजी से बढ़ा है। हम खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य की हर सम्भावनाओं पर काम करेंगे। प्रतिभाओं को अनुकूल अवसर व सुविधाएं प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है।