अयोध्या के जर्जर भवनों को लेकर हुई बैठक
फैजाबाद। अयोध्या के जर्जर भवनों को लेकर जिला प्रशासन ने अधिकारियों के साथ बैठकी। बैठक में निर्णय लिया गया कि अयोध्या के साथ-साथ फैजाबाद के भी जर्जर भवनों को नगर निगम चिन्हित करेगा। उक्त निर्देश जिलाधिकारी डा0 अनिल कुमार ने नगर आयुक्त को दिए। उन्होंने कहा कि जर्जर भवनों से उसमें रह रहे लोगों के साथ-साथ उस क्षेत्र के स्थानीय लोगों, राहगीरों को हो सकता है जान माल का खतरा। ऐसे भवनों पर नगर पालिका अधिनियम सीआरपीसी तथा रेंट कंट्रोल एक्ट के तहत हो सकती है कार्यवाही कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्र के जर्जर भवनों के बारे में सूचना जिला प्रशासन व नगर निगम को दे सकता है। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, नगर निगम, विद्युत, पुलिस, अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण व एक मजिस्ट्रेट की जांच कमेटी बनाकर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी और यह देखा जाएगा कि भवन को पुनः रहने लायक बनाया जा सकता है या नहीं यदि भवन का रीएनोवेट नहीं कराया जा सकता तो उसको रहने वाले किराएदार से खाली करा कर भवन स्वामी को उसके सुरक्षित तरीके से ध्वस्तीकरण की नोटिस दी जाएगी और यदि भवन स्वामी निर्धारित अवधि में अपने भवन का ध्वस्तीकरण नहीं कराता है तो जिला प्रशासन ऐसे भवनों को गिरवाकर हर्जा खर्चा भवन स्वामी से वसूल करेगा।
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि यदि ऐसे भवनों से किसी प्रकार की जनहानि या जानमाल का नुकसान होता है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी भवन स्वामी की होगी और उसके खिलाफ संबंधित क्षेत्र के थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करा कर जेल भेजा जाएगा उन्होंने कहा कि यदि कोई भवन स्वामी अपने जर्जर भवन को गिराने में टेक्निकल परामर्श अथवा जनपद में उपलब्ध उपकरण की मदद लेना चाहता है तो उसको हर सहयोग दिया जाएगा बशर्ते उपकरण आदि का किराया उसे देना होगा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अक्षय त्रिपाठी, सिटी मजिस्ट्रेट विंध्यवासिनी राय, उप जिलाधिकारी सदर मधुसूदन नागराज हुलगी, एसपी सिटी अनिल सिंह सिसोदिया, सीईओ अयोध्या, नगर आयुक्त नगर निगम, अधिशासी अभियंता सहित लोक निर्माण, विद्युत, वन, पुलिस आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।