फैजाबाद। भारत और चीन में डिमेंशिया के सर्वाधिक रोगी हैं दुनिया में हर चार सेकेंड में डिमेंशिया पीड़ित एक नये व्यक्ति का मामला सामने आता है। यह विचार विश्व अल्जाइमर डे पर शाने अवध सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में मनो चिकित्सक डा. कुॅंवर वैभव में पत्रकारों को दिया।
सिप्ला द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में डा. कुॅंवर वैभव ने कहा कि अल्जाइमर या डिमेंशिया 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में पायी जाती है इस रोग में दिमांग की नस सूखने लगती है जिससे लोग याददास्त खोने लगते हैं यदि समय से इलाज न किया गया तो रोगी की याददास्त पूरी तरह समाप्त हो जाती है। वैसे इस रोग का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है कुछ दवाओं से इसे गम्भीर होने से रोंका जा सकता है। मानसिक व्यायाम करके मस्तिष्क में नई कोशिकाओं का निर्माण किया जा सकता है इसके लिए मनो चिकित्सक के मार्ग दर्शन में इलाज कराना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि विश्व रिर्पोट के मुताबिक सन 2050 तक विश्व में 13.5 करोड़ लोग डिमेंशिया के शिकार हो जायेंगे। इसमें से 1.6 करोड़ सिर्फ पश्चिमी यूरोप के होंगे। अल्जाइमर का सबसे सामान्य प्रकार डिमेंशिया है वर्ष 2010 में जहां दुनिया में 3 करोड़ 60 लोग पीड़ित थे इनकी संख्या निरन्तर बढ़ती जा रही है।
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