मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव : भाजपा प्रत्याशियों को लेकर शुरू हुआ कयासों का दौर

by Next Khabar Team
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-10 जनवरी को अधिसूचना के साथ शुरू हो जाएगा नामांकन, भाजपा में सर्वाधिक एक दर्जन प्रत्याशी दिखा चुके हैं दमख़म

अयोध्या। इंतजार की घड़ियां खत्म हो गईं। मंगलवार दोपहर निर्वाचन आयोग ने जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही सभी दलों के उम्मीदवारों ने मेल मुलाकात का सिलसिला भी बढ़ा दिया है। लेकिन भाजपा में टिकट के दावेदारों के तेवर से जनता सिर्फ कयास लगा रही है। भारी संख्या में दावेदार क्षेत्रीय स्तर पर जनता के बीच में चर्चा में बने हुए है। भाजपा इस हॉट सीट को किसी भी स्तर पर चूक में जाने नहीं देना चाहती है। शायद इसीलिए प्रत्याशियों की पकड़ को देख रही है।

पूर्व में ही शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं एक दर्जन दावेदार

चुनाव के दावेदारों की बात करें तो सबसे अधिक दावेदार भाजपा से उस समय से अपने दमखम का प्रदर्शन कर रहे हैं जब मिल्कीपुर समेत 10 विधानसभाओं का उपचुनाव एक साथ होना था। लेकिन मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के चुनावी प्रक्रिया से बाहर होने के चलते धीरे-धीरे इनकी संख्या इकाई में रह गई है।

अब उपचुनाव की घोषणा आयोग से मंगलवार को हो गई तो जनचर्चा में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ही एक नम्बर की दौड़ में हैं। चंद्रकेश रावत एवं चंद्रभान पासवान की भी चर्चा जनता के बीच में है। क्योंकि चंद्रभान पासवान गत विधानसभा चुनाव 2017 से ही टिकट के लिए दावेदारी पेश करते रहे हैं। चंद्रकेश रावत अमानीगंज क्षेत्र पंचायत चुनाव से ब्लॉक प्रमुख के लिए अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने के साथ स्थानीय स्तर पर पूरी तरह से सक्रिय हैं। बाबा गोरखनाथ निवर्तमान विधायक हैं। फिलहाल सभी दावेदार संगठन में अपना अपना दावा मजबूती के साथ पेश कर रहे हैं।

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भाजपा से ज्यादा बुद्धिजीवी वर्ग में दावेदारों की शुरू हुई समीक्षा

चुनाव भले ही मिल्कीपुर के लिए है लेकिन जनपद के पढ़ा लिखा तबका जो राजनीति में रुचि रखता है तथा बुद्धिजीवी वर्ग में प्रत्याशियों की समीक्षा हो रही है। समीक्षा में 2017 का चुनाव है। जिसमें गोरखनाथ बाबा 86960 मत पाकर सपा के अवधेश प्रसाद से 30264 वोटो से जीत हासिल किए थे और 2022 के विधानसभा चुनाव में 900567 वोट पाकर सपा के अवधेश प्रसाद से मात्र 13342 वोटो से पराजित हुए थे। जबकि बसपा से प्रत्याशी मीरा देवी को मात्र 14427 वोट प्राप्त हुए थे और सपा व कांग्रेस का समझौता हो गया था। जिससे बसपा के वोटो का ध्रुवीकरण सपा की ओर और कांग्रेस का समर्थन सपा के अवधेश प्रसाद की जीत का कारण बना।

2022 में गोरखनाथ के वोट बढ़े, लोकसभा में दूसरे क्षेत्रों से कम मतों से हुई हार

राजनीति के विश्लेषकों का यह भी मानना है कि 2017 के चुनाव से 2022 के चुनाव तक गोरखनाथ बाबा के वोटो में बढ़ोतरी हुई। दूसरे यह कि लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार को भी यदि देखा जाए तो मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभाओं से सबसे कम मतों की हार थी। जिसके आधार पर लोग बाबा गोरखनाथ के संभावित प्रत्याशी होने की अटकले लग रहे हैं।

खास बात यह कि सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत को एवं बसपा ने अपना प्रत्याशी रामगोपाल को पहले ही घोषित कर चुकी है। कटेहरी विधानसभा में परिवारवाद को लेकर सपा कार्यकर्ताओं में जो असंतोष था उससे यदि सपा को कुछ सीख मिली होगी तो सपा में भी प्रत्याशी का नया चेहरा सामने आ सकता है? अब चुनाव कार्यक्रम घोषित हो गया है तो सभी राजनीतिक पार्टियों के भी अधिकृत प्रत्याशियों की घोषणा होगी। अभी तक की जनचर्चा, कयासों और चुनावी विश्लेषकों तथा बुद्धिजीवी वर्ग के तर्क वितर्क पर आधारित है।

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2022 के चुनाव में अवधेश प्रसाद हुए थे विधायक, अब बन गए सांसद

मार्च 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मिल्कीपुर से सपा के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद विधायक चुने गए थे। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा से सपा के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद निर्वाचित हुए जो कि वर्तमान विधायक ही थे अतः अवधेश प्रसाद सांसद निर्वाचित होने के बाद विधानसभा के सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था और मिल्कीपुर में विधानसभा उपचुनाव होना निश्चित हो गया था। विधानसभा का उपचुनाव पूरे प्रदेश के 10 विधानसभा क्षेत्र में होना था परंतु अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को उच्च न्यायालय में रिट याचिका योजित होने के कारण मिल्कीपुर का उप चुनाव तत्काल की चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो गया जिससे 9 विधानसभाओं में ही उप चुनाव हुए हैं। जिसमें से मुस्लिम बाहुल्य कुंदरकी विधानसभा एवं सपा की कटेहरी विधानसभा समेत सात विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को विजय प्राप्त करने में सफलता मिली।

लोकसभा चुनाव में अयोध्या लोकसभा से सपा की जीत से प्रदेश, देश ही नहीं विदेश तक भाजपा की किरकिरी हुई। हतोत्साहित भाजपा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चर्चित फार्मूले बंटोगे तो कटोगे से भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह का संचार हुआ। वहीं पर कटेहरी विधानसभा के कद्दावर नेता लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को सपा से टिकट देना सपा पार्टी के अंदर खाने परिवारवाद के आरोप के साथ सपाईयों का भी समर्पण भाव से सहयोग न मिलने के कारण सपा अपने ही घर में चुनाव हार गई।

सभी दलों ने पहले ही की है चुनाव की मुकल्लम तैयारी

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा भले ही मंगलवार 07 जनवरी 2025 को हुई है। जबकि भाजपा समेत सभी दल अपनी मुकम्मल तैयारी कर चुके है। यहां का उप चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव से हुई भाजपा की किरकिरी और मतदाताओं पर दोषारोपण के निहित अर्थ भी निकले जा रहे हैं जिसकी भरपाई भाजपा उपचुनाव जीतकर करना चाह रही है।

तभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम लगाना, विकास कार्यों की समीक्षा करना, प्रदेश के सात मंत्रियों सूर्य प्रताप शाही, गिरीश चंद्र यादव, मयंकेश्वर शरण सिंह, सतीश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह, जेपीएस राठौर को चुनाव की जिम्मेदारी देना दर्शाता है कि उपचुनाव में भाजपा नाक पर मक्खी नहीं बैठने देना चाहती है। विगत 4 जनवरी को मुख्यमंत्री ने ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों, भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव जीतने का तरीका बताते हुए जन भावनाओं को समझना और जनता के समक्ष रखने का प्रयास तो किया ही अल्पसंख्यकों को भी भाजपा से जोड़ने का संकेत दिया।

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