-मौलवी अहमद उल्ला शाह की 166वीं शहादत पर हुई विचार गोष्ठी
अयोध्या। अशफाक उल्ला खां मेमोरियल शहीद शोध संस्थान के प्रबंध निदेशक सूर्य कांत पाण्डेय ने कहा कि मौलवी अहमद उल्ला शाह प्रथम स्वतंत्रता संग्रामके महानायक थे। उत्तर भारत के अंग्रेज अधिकारी उनसे खौफ खाते थे। 1857 के संग्राम में उनका योगदान अविस्मरणीय है। शाहजहांपुर स्थित पुआया स्टेट के तत्कालीन राजा जगन्नाथ सिंह द्वारा उन्हें धोखा देकर मारा गया। उनकी गद्दारी का कारण मौलवी पर अंग्रेजों द्वारा पचास हजार रुपए का इनाम था।
श्री पाण्डेय संस्थान द्वारा होटल अवंतिका सभागार में आयोजित उनकी 166 वीं शहादत पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष ज़फ़र इक़बाल तथा संचालन संस्थान के कोषाध्यक्ष अब्दुल रहमान भोलू ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मौलवी अहमद उल्ला शाह के चित्र पर माल्यार्पण से किया गया।
वरिष्ठ समाजसेवी लड्डू लाल यादव ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मौलवी साहब क्रांतिकारी बदलाव के पक्षधर तथा धर्मनिरपेक्ष थे। उन्होंने फैजाबाद को आजाद करावाकर इस इलाके की बागडोर हिन्दू राजा मानसिंह को सौंपा। माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में इरफानुलहक, अब्दुल्ला,डा, सुएब ख़ान, अंकित पाण्डेय, विकास सोनकर,काजी निहाल अहमद, तौकीर अहमद, जुनैद अहमद राइन,रिजवानुल हक़, मनीष पांडेय सहित अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।