छात्र-छात्राओं को दिलाया गया स्वच्छता का संकल्प
अयोध्या। डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आज 2 अक्टूबर 2019 को परिसर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन से हुई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने सुबह 7ः00 बजे प्लास्टिक मुक्त भारत, समृद्ध भारत, हरा भरा भारत, पर्यावरण जागरूकता और स्वच्छता अभियान के संदेशों के साथ विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, एनसीसी कैडेटों एवं छात्र-छात्राओं के साथ पैदल मार्च कर जागरूकता यात्रा निकाली। यह यात्रा मुख्य परिसर से नाका हनुमानगढ़ी होते हुए वापस मुख्य परिसर में संपन्न हुई।
पैदल यात्रा के उपरांत कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने महात्मा गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण किया। इसी क्रम में परिसर में डॉ0 राममनोहर लोहिया एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया। परिसर के स्वामी विवेकानंद सभागार में कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित, प्रति कुलपति प्रो0 एस एन शुक्ल ,मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय, कार्यपरिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह सहित अन्य शिक्षकों ने वृक्षारोपण किया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में संत कबीर सभागार में प्रातः 8ः00 बजे विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस पर कुलपति एवं प्रति कुलपति एवं शिक्षकों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मनूचा गर्ल्स पीजी कॉलेज, संगीत विभाग की शिक्षिका डॉ0 रोमा अरोड़ा ने महाविद्यालय की छात्राओं के साथ भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में ही रामधुन की भी प्रस्तुति की गई। इस अवसर पर कुलपति जी ने गांधी के सपनों का भारत पर शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों को शपथ दिलाई जिसमें ”मैं ऐसे भारत के लिए कोशिश करूंगा, जिसमें गरीब लोग भी यह महसूस करेंगे कि यह उनका देश है। ऐसे भारत में उच्च और निम्न वर्गों का भेद नहीं होगा। सांप्रदायिक मेलजोल रहेगा जो अधिकार पुरुषों के लिए होंगे वही स्त्रियों को प्राप्त होंगे। सारी दुनियां के साथ हमारा संबंध शांति का होगा, यह मेरे सपनों का भारत”।
शपथ दिलाने के उपरांत कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने कहा कि गांधी भारत के उन महापुरुषों में से एक थे जिन्होंने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। भारत को गुलामी से मुक्त कराने के लिए कई आंदोलन चलाए। भारत को स्वतंत्रता मिली थी लेकिन उस समय देश की आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था का ढांचा तहस-नहस हो गया था। विश्व में जब पहली औद्योगिक क्रांति हुई तो भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से संघर्ष कर रहा था। अंग्रेजों द्वारा भारत की संपूर्ण संपदाओं को छिन्न-भिन्न कर देने की पुरजोर कोशिश कर दी गई। 1750 से 1945 को यदि देश की काली अवधि से तुलना की जाए तो गलत नहीं होगा। 1750 का भारत एक स्वच्छ भारत था। शिक्षित वैज्ञानिक और औद्योगिक भारत था परंतु अंग्रेजों की नीतियों ने हमें एक बीमारू राष्ट्र के रूप में बना कर छोड़ा था। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा पर्यावरण का 36 प्रतिशत से अधिक था आज वही भारत 33 प्रतिशत वन क्षेत्र के लिए संघर्ष कर रहा है। उत्तर प्रदेश में उत्तराखंड के विभाजन के बाद यही स्थिति 6 प्रतिशत हो गई है अभी हमें 25 प्रतिशत के लिए संघर्ष करना है। गांधी जी को समाज की काफी चिंता थी।
प्रो0 दीक्षित ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शास्त्रीजी गांधीवादी विचारधारा के आखरी महामानव थे। उनकी दूरदर्शिता एवं राष्ट्र प्रेम से भारतवासी गर्व से भर उठता है। दो युद्ध के बाद भारत खाद्यान्न संकट से जूझ रहा था। शास्त्री जी की एक अपील पर समूचा देश सप्ताह में 1 दिन के उपवास को सहर्ष स्वीकार कर विश्व जनसमुदाय को स्वावलंबन का संदेश दिया।
परिसर के संत कबीर सभागार में आज गांधी जी 150 वीं जयंती को राष्ट्रीय नयी तालीम दिवस के रूप में मनाते हुए राष्ट्रीय नयी तालीम सप्ताह का आरम्भ किया। वही दूसरी तरफ राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत चल रहे स्वर्ण जयंती विशेष सप्ताह कार्यक्रम का समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। नयी तालीम विषय का प्रर्वतन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने किया। इस अवसर पर एनएसएस द्वारा गांधी केन्द्रित चित्र विथिका प्रदर्शित की गई। परिसर में सत्याग्रह मार्च तथा मानव श्रंखला बनाई जिसका कुलपति ने निरीक्षण किया।
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत गांधी जी की जयंती पर विशेष सप्ताह कार्यक्रम का समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम किया गया जिसमे 8 प्रतियोगिताये हुई उन प्रतियोगिताओं में प्रथम द्वितीय तृतीय विजेताओं को कुलपति प्रो मनोज दीक्षित ने प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया है। इसी क्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के संयोजक डॉ0 सुषमा पाठक, डॉ0 विनय मिश्र, डॉ0 मजूषा मिश्रा, डॉ0 साधना भारती, डॉ0 सरला शुक्ला, डॉ0 रीना पाठक, डॉ0 कनक पाठक को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ0 समीर सिन्हा एवं प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने कुलपति को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम भेटकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 आशुतोष सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, उपकुलसचिव विनय कुमार सिंह, मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय, प्रो0 अशोक शुक्ला, प्रो0 एम0पी0 सिंह, प्रो0 एन0के0 तिवारी, प्रो0 आर0के0 तिवारी, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 मृदुला मिश्रा, प्रो0 चयन कुमार मिश्र, डॉ0 आर0के0 सिंह, प्रो0 विनोद श्रीवास्तव, प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ला, प्रो0 रमापति मिश्र, डॉ0 शैलेन्द्र वर्मा, डॉ0 अनिल यादव, डॉ0 दिवाकर त्रिपाठी, डॉ0 मुकेश वर्मा, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश पाण्डेय, पूर्व अध्यक्ष डॉ0 राजेश सिंह, सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।